भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत गोपालपुर प्रखंड के आदर्श मध्य विद्यालय धरहरा में छठी कक्षा की एक छात्रा के साथ अमानवीय व्यवहार का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि विद्यालय के एक सहायक शिक्षक ने छात्रा को अनुशासन के नाम पर 101 बार कान पकड़कर उठक-बैठक करवाने की सजा दी। अत्यधिक शारीरिक थकान के कारण छात्रा बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई।
परिजनों के अनुसार, घटना के दौरान छात्रा ने शिक्षक से बार-बार गुहार लगाई कि वह इतनी सजा नहीं कर पा रही है, लेकिन शिक्षक ने उसकी बात नहीं सुनी। आरोप है कि इसके उलट शिक्षक ने 202 बार और उठक-बैठक करने का निर्देश दे दिया। अत्यधिक दबाव और थकान के कारण छात्रा अचानक गिर पड़ी और उसके मुंह से झाग निकलने लगा। यह देख स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
घटना के बाद विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका शशिकला देवी को छात्रा की गंभीर स्थिति की जानकारी दी गई, लेकिन परिजनों का आरोप है कि उन्होंने जिम्मेदारी निभाने के बजाय छात्रा को घर ले जाने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लिया। परिजन गंभीर अवस्था में छात्रा को पहले घर ले गए और बाद में अनुमंडल अस्पताल नवगछिया में भर्ती कराया।
अनुमंडल अस्पताल में तैनात चिकित्सक मोहक कुमार यादव ने बताया कि छात्रा की हालत चिंताजनक थी। प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर कर दिया गया है। डॉक्टरों के अनुसार छात्रा बोलने में असमर्थ है और मुंह से झाग निकलने की स्थिति बनी हुई है, जिससे उसकी हालत को लेकर चिंता बढ़ गई है।
घटना के बाद परिजनों में भारी आक्रोश है। छात्रा की मां ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ाई में कमजोर है, जिस कारण शिक्षक अक्सर उसे डांटते और फटकारते रहते थे। मां का आरोप है कि “मेरी बेटी से पहले 101 बार उठक-बैठक करवाई गई, फिर 202 बार और करने को कहा गया। जब वह गिर पड़ी तो शिक्षक उसके चेहरे पर पानी डालते रहे। दोपहर बाद जब हमें स्कूल बुलाया गया, तब पूरी घटना की जानकारी मिली।”
इस घटना को लेकर गांव में तनाव और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों और अभिभावकों ने विद्यालय पहुंचकर संबंधित शिक्षक से जवाब-तलब किया और सख्त कार्रवाई की मांग की। मामले की लिखित शिकायत थाने में भी दी गई है।
वहीं, विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक उमाशंकर सिंह ने बताया कि वे छुट्टी पर थे। सूचना मिलते ही वे स्कूल पहुंचे हैं और मामले की जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों और सामाजिक संगठनों ने जिला शिक्षा विभाग से भी ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है।
