सहरसा सदर अस्पताल से सोमवार शाम एक बेहद चौंकाने वाली और दर्दनाक घटना सामने आई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक ऑटो रिक्शा चालक गंभीर हालत में एक महिला को अस्पताल लाया, लेकिन इंसानियत को शर्मसार करते हुए उसे जमीन पर फेंककर मौके से फरार हो गया। महिला जमीन पर बेसुध पड़ी थी, लेकिन अस्पताल परिसर में मौजूद डॉक्टर, नर्सें और अन्य कर्मचारी उसके पास से गुजरते रहे और किसी ने भी उसकी ओर ध्यान नहीं दिया।

 

करीब कई घंटों तक महिला उसी हालत में अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट के सामने तड़पती रही, लेकिन चिकित्सा कर्मियों द्वारा उसे समय पर मदद नहीं मिल सकी। इस अमानवीय उपेक्षा को देखकर वहां मौजूद लोगों में आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए और पूछा कि आखिर इमरजेंसी वार्ड के सामने कोई भी मरीज कैसे घंटों तक बिना इलाज के पड़ा रह सकता है।

 

काफी देर बाद अस्पताल के एक सुरक्षा कर्मी ने मानवता दिखाते हुए तुरंत स्ट्रेचर मंगवाया और महिला को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उसे चादर से ढक दिया। उसके बाद इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों ने महिला की जांच की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

 

महिला की पहचान फिलहाल नहीं हो पाई है। हालांकि, उसके पास मिले एक बैग और सामान से अनुमान लगाया जा रहा है कि वह कहीं यात्रा कर रही थी और रास्ते में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आखिर ऑटो चालक महिला को कैसे और किन परिस्थितियों में लेकर आया, तथा उसे अस्पताल में छोड़कर क्यों फरार हुआ।

 

घटना की जानकारी मिलने पर डीएस सदर ने कहा कि पूरा मामला अत्यंत गंभीर है। इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई है और जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इधर, स्थानीय लोग अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जता रहे हैं और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

 

यह घटना न केवल अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि मानवता की मूल भावना को भी झकझोर कर रख देती है।

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