भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड के महेशराम नगर पंचायत मे स्थित हिंदी प्राथमिक विद्यालय सुंदरपुर का है जहां ज्यादा अनुसूचित जाति के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं इस विद्यालय में पांच शिक्षक पदस्थापित हैं, इस स्कूल के ही एक कमरा को जबरदस्ती ढंग से आंगनबाड़ी केंद्र भी चलाता है और इसकी दुर्दशा देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं की शिक्षा का क्या हाल है इस गंदे माहौल में बच्चों को गोबर ,गाय और कीचड़ से भरे जगह के सामने ही बैठने को मजबूर होना पड़ता है और बच्चे बीमार होते रहते है

बच्चों को पूरा विद्यालय गाय गोबर बकरी भूसा से बगल के ही दबंगो द्वारा अतिक्रमण किया गया है विद्यालय के जमीन व रास्ता को जबकि जमीन 30 वर्षो पूर्व ही राज्यपाल के नाम किया था जमीन मालिक लेकिन दलालों और पदाधिकारिओं के मिली भगत से जमीन का मोटेशन और दखल दबंगों द्वारा कर लिया गया है,जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।


शिक्षा के नाम पर सरकार बहुत बड़ी-बड़ी बातें करती है और सरकार के द्वारा लाखों खर्च भी की जाती है मगर यहां कुछ दिखता ही नहीं है जहां प्रखंड मुख्यालय से मात्र आधा किलोमीटर की दूरी पर विद्यालय स्थित है वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी के निकट रहते हुए भी यह हाल है विद्यालय का है बाकी आप खुद सोच सकते हैं !!


स्वतंत्र भारत के 75वां स्वतंत्रता आजादी के अमृत महोत्सव की एक झलक इस विद्यालय की दशा को जरूर देखें
प्रधानाध्यापिका ने बयां किया अपना और बच्चों का दर्द सभी पदाधिकारियों को प्रधानाध्यापिका के द्वारा आवेदन देते थक चुकी है और सामाजिक कार्यकर्ता व पूर्व जिला परिषद सदस्य विनोद यादव के द्वारा ये मुद्दा उठाया गया की जब विद्यालय है तो विद्यालय रहने दिजिए नहीं तो विद्यालय बंद करके गौशाला का निर्माण ही करा दिया जाए ऐसा है की कोई कार्यवाई अभी तक नहीं हुई है!!

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