1सितंबर2005 को संघ ने ब्लैक डे घोषित किया

रविवार को एनएमओपीएस बिहार के राज्य स्तरीय टीम की एक बैठक विश्वेश्वरैया भवन के पीछे गोप गुट के कार्यालय में प्रातः 10:00 बजे से की गई , उक्त बैठक में सदस्यता अभियान, ब्लैक डे कार्यक्रम इत्यादि मुद्दों पर विचार- विमर्श किया गया।

एनएमओपीएस की एकमात्र मांग पुरानी पेंशन की बहाली

बैठक को संबोधित करते हुए बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के महासचिव एवं एनएमओपीएस ,बिहार के संरक्षक श्री प्रेमचंद सिन्हा ने कहा कि हमारी 11 सूत्री मांगों में पुरानी पेंशन की बहाली एक प्रमुख मांग है और एनएमओपीएस की एकमात्र मांग पुरानी पेंशन की बहाली है,

अगर इस पर सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो आगे संघर्ष जारी रहेगा.

ऐसे में एनएमओपीएस ने हमारे दायित्वों में से एक दायित्व को अपने ऊपर ले लिया है. ऐसी स्थिति में हम एनएमओपीएस को भरपूर सहयोग करेंगे. उन्होंने उपस्थित गोप गुट के सभी जिला अध्यक्षों एवं जिला सचिवों से अनुरोध किया कि जिला स्तर पर भी एनएमओपीएस के जिला अध्यक्ष एवं जिला सचिव से संपर्क कर निचले स्तर तक ब्लैक डे कार्यक्रम तथा सदस्यता अभियान को सफल बनाने हेतु भरपूर प्रयास किया जाए.

एनपीएस 1सितंबर2005 को लागू की गई थी इसलिए उस तिथि को “ब्लैक डे” के रूप में मनाने का निर्णय

प्रदेश अध्यक्ष श्री वरुण पांडेय ने बताया कि बिहार में एनपीएस 1सितंबर2005 को लागू की गई थी इसलिए उस तिथि को “ब्लैक डे” के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है, उस दिन एनपीएस से आच्छादित सभी कर्मी अपने कार्यस्थल पर शांतिपूर्ण तरीके से काला रिबन लगाकर अपने कार्यों का निष्पादन करेंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत यह विरोध का प्रथम चरण है, अगर इस पर सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो आगे संघर्ष जारी रहेगा.

 

बैठक में सर्वसम्मति से श्री उपेंद्र कुमार को मसौढ़ी अनुमंडल का प्रभारी तथा श्री अलिक सुंदर कुमार को राज्य स्तरीय आईटी सेल से जोड़ने का निर्णय लिया गया.बैठक को प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव तिवारी, उपेंद्र कुमार, हलवंत कुमार, अभिजीत रंजन, कमलेश कुमार, मुस्तफा जी, अलिक सुंदर कुमार, पप्पू कुमार, चंदन कुमार, मनोज यादव, सूरज कुमार, मिथिलेश पाठक, संजय कुमार सिंह, डॉ नंद किशोर कुमार, रणविजय कुमार इत्यादि ने संबोधित किया. मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन एनएमओपीएस के मुख्य प्रवक्ता श्री संतोष कुमार द्वारा किया गया ।

By Indradev Kumar

Patrakar

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