राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई की रेड के बाद बिहार की सियासत में चर्चाओं का बाजार गर्म है. सीएम नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास पर जदयू कोटे के मंत्रियों की आपात्तकालीन बैठक बुला ली.
बिहार के मौसम का मिजाज क्या बदला लोगों को गर्मी से राहत मिली, लेकिन लगे हाथों राजद नेता और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई की रेड ने बिहार के सियासी मौसम को गरमा दिया. रेड के बाद तमाम राजनीतिक दलों की राय आने लगी. उसके बाद अचानक खबर आई कि इस छापेमारी के बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास पर जदयू कोटे के मंत्रियों की आपात्तकालीन बैठक बुला ली. इसमें जदयू कोटे के तमाम मंत्री के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष को भी बुलावा भेज दिया गया.
राज्य सभा उम्मीदवार को लेकर बैठक में चर्चा? नीतीश कुमार ने बैठक क्यों बुलाई और किसलिए बुलाई, इसकी चर्चा बाद की बाद है, लेकिन इस बैठक के बारे में किसी को जानकारी नहीं मिल रही है. बैठक को लेकर एक मंत्री ने मीडिया को जानकारी दी कि इस बैठक के बारे में किसी को जानकारी नहीं है. वहीं मिडिया के अलावा राजनीतिक दलों में चर्चा चल रही है कि राज्य सभा उम्मीदवार को लेकर बैठक में चर्चा होगी और उम्मीदवार को लेकर एक राय बनाने की कोशिश की जाएगी ताकि उम्मीदवार को लेकर कोई विवाद पार्टी में ना हो.
राजद और जदयू की नजदीकी को लेकर बीजेपी परेशान? बताया जा रहा है कि आरसीपी सिंह की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी में संशय बरकरार है. इस बैठक को बिहार की सियासत में महत्वपूर्ण बैठक बताया जा रहा है. खासकर जदयू के लिए जहां मुख्यमंत्री ने सबकी राय के हिसाब से फैसला लेने वाले हैं. वहीं ख़बर ये भी है की आज सुबह राबड़ी देवी के आवास पर हुई CBI रेड और उसके बाद बिहार के सियासत पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी चर्चा होने की संभावना है.
राजनीतिक जानकारों की मानें, तो जातीय जनगणना के मुद्दे पर राजद और जदयू की नजदीकी को लेकर बीजेपी परेशान है. केंद्र की पूरी निगाह इन दिनों बिहार की सियासत पर टिकी हुई है. और इस छापेमारी का सीधा कनेक्शन उसी से जोड़कर देखा जा रहा है.
हालांकि मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है कि ये पूरी तरह से राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर बैठक है. इसमें राजद और राबड़ी आवास पर छापेमारी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. हां, अचानक बैठक बुलाने को लेकर कई तरह की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता.
क्योंकि नीतीश कुमार के मन में क्या चल रहा है कोई नहीं बता सकता. वैसे भी जदयू में प्रश्न करने की हैसियत बहुत कम नेताओं को मिली हुई है, इसलिए मुख्यमंत्री की बैठक को किसी सियासी मसले से जोड़कर देखना ठीक नहीं है.