सहरसा में जन नायक कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती के अवसर पर जिला नाई संघ के तत्वाधान में जयंती समारोह का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष विजेंद्र ठाकुर ने की। इस मौके पर जननायक कर्पूरी ठाकुर की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए पूर्व विधायक किशोर कुमार ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर महान समाजवादी नेता थे, जिन्होंने इमानदारी सादगी और स्वच्छता के साथ राजधर्म का पालन किया।

वे संयम और संवेदना से भरपूर थे। उनकी छवि ताउम्र बेदाग रही। वे आजादी की लड़ाई में दो बार जेल गए जबकि आजादी के बाद बिहार के गरीबी पीछरापन के विरुद्द संघर्ष के दौरान 18 बार जेल गए। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर महान समाजवादी नेता थे और वो समाज के सभी वर्गों के लिए चिंतित रहते थे। उन्होंने सत्ता के लिए राजनीति नही की उनकी राजनीत मुद्दों की राजनीती थी। पूर्व विधायक ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी की मजबूत इच्छाशक्ति का ही कमाल था कि महान समाजवादी नेता डॉ राम मनोहर लोहिया की अपेक्षा के विपरीत उन्होंने सन 1967 में जनसंघ और कम्युनिस्ट पार्टी को एक चटाई पर लाते हुए गैर कांग्रेसी सरकार बनाने का काम किया।

पूर्व विधायक ने आगे कहा कि मंडल कमीशन लागू होने के पहले कर्पूरी ठाकुर बिहार की राजनीति में वहां तक पहुंच चुके थे, जहां उनकी पृष्ठभूमि से आने वाले व्यक्ति के लिए पहुंचना असंभव ही नहीं नामुमकिन था। बिहार की राजनीति में गरीबों की आवाज बनकर उभरे और वह हमेशा राजनीति में कटुता के घोर विरोधी भी रहे। किशोर कुमार ने कहा कि लेकिन यह दुर्भाग्य ही है की खुद को कर्पूरी ठाकुर की विरासत का बारिश बताने वाले लालू यादव नीतीश कुमार और भाजपा के लोगों ने उन्हें भुला दिया और उनके सिद्धांतों के विपरीत जाकर सत्ता स्वार्थ में आज लगातार राजनीतिक कटुता को बढ़ापा देकर पाला बदल रहे हैं।

अगर आज कर्पूरी ठाकुर होते तो उनके लिए यह बेहद दुर्भाग्य और शर्मनाक पूर्ण स्थिति होती। बिहार में सत्ता स्वार्थ का खेल जिस तरह से चल रहा है जिस तरह से बिहार में सत्ता के नया सामंत द्वारा कमजोर,अतिपीछरी जाति ,किसानों युवाओं महिलाओं के साथ-साथ गरीब और दलित तबके के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है वह कर्पूरी जी की आत्मा को ठेस पहुंचाने वाला है। पूर्व विधायक ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी की विरासत का जो लोग आज दावा कर रहे हैं उन्होंने उस का मखौल बना दिया है। कोई जात के नाम पर तो कोई धर्म के नाम पर समाज और देश को बांटने में लगा है।

ऐसे लोग कभी भी कर्पूरी ठाकुर के विरासत के हितैषी नहीं हो सकते। किशोर कुमार ने कड़े शब्दों में कहा कि आज बिहार को कर्पूरी और लोहिया जैसे विचारों की जरूरत है तभी हमारा देश हमारा प्रदेश हमारा समाज आगे बढ़ेगा और इसके लिए हम सबों को संकल्प के साथ उनकी विचारधारा को अपनी जीवनशैली और संघर्ष में आत्मसात करना होगा।

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