पटना से सटेमसौढ़ी के रहने वाले अमित कुमार सिंह अरुणाचल बॉर्डर पर शहीद हो गये. मसौढ़ी के लाल शहीद अमित सिंह का पार्थिव शरीर गुरूवार की सुबह उनके पैतृक आवास धनरूआ के बौरही गांव में पहुंचा. पूरा गांव नम आंखों से मर्माआहत होते हुए शहीद के अंतिम दर्शन को लेकर व्याकुल दिखे. अमित कुमार सिंह 2019 में राजपूत रेजीमेंट में जवान के पद पर बहाल हुए थे।

मसौढ़ी का लाल अरूणाचल में शहीद: शहीद की शहादत पर धनरूआ के बौरही गांव ही नहीं पूरा मसौढ़ी अनुमंडल शोक में है. पुनपुन से बौरही तक युवाओं ने तिरंगा यात्रा निकाल कर उन्हें सलामी दी. उसके बाद जैसे-जैसे पार्थिव शरीर का वाहन गांव से गुजर रहा था, हर गांव के लोगों ने उन्हें सलामी दी और सबसे पहले वह जिस स्कूल में पढ़ते थे, उस स्कूल के बच्चों ने सलामी दी. उसके बाद वह पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा. जहां हजारों की संख्या में लोगों ने उसका अंतिम दर्शन किया।

12 दिसंबर को शादी होने वाली थी. वह 4 दिन पहले ही फोन किया था कि वह छुट्टी लेकर घर आने वाला था, लेकिन उसका पार्थिव शरीर पहुंचा है. यह उम्मीद नहीं थी.”- मुन्नू सिंह, शहीद जवान अमित कुमार सिंह के पिता

2019 में हुई थी बहाली: आपको बता दें कि वर्ष 2019 में अमित कुमार सिंह उर्फ भोलू राजपूत रेजीमेंट में बहाली हुई थी, शहीद अमित सिंह के तीन बहन और तीन भाई हैं. किसान परिवार से जुड़ा या शहीद अमित सिंह पूरे गांव का दुलारा था. शहीद के पार्थिव शरीर का दर्शन करने पहुंचे सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि सरकार को इनकी शहादत को गंभीरता से लेनी होगी और जो भी सरकारी प्रावधान हैं, उन्हें पूरे परिवार को मिलनी चाहिए।

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