भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजित शर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती है. उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन मामले में वारंट जारी हुआ है. उनका नाम महागठबंधन सरकार में कांग्रेस की तरफ से मंत्री बनाए जाने के लिस्ट में सबसे आगे माना जा रहा था.
पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गयी है. अब मंत्रीमंडल के विस्तार का इंतजार है. नई सरकार के मंत्रीमंडल में कांग्रेस पार्टी के विधायक भी शामिल किए जाएंगे. भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इसी बीच कांग्रेस विधायक पर आदर्श चुनाव आचार संहिता के एक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. जिसको लेकर सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं चल रही है.
सरकारी पोल पर बैनर लगाने का मामला: जानकारी के अनुसार मामला 2009 का है, जब तत्कालीन अंचल निरीक्षक ने सरकारी पोल पर बैनर लगाने के कारण उनपर केस दर्ज कराया था. इसी मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने अजीत शर्मा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. वारंट जारी होने के बाद उनके नाम को लेकर संशय की स्थिति बनते दिख रही है. हालांकि, कांग्रेस पार्टी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. अब देखना है कि महागठबंधन की सरकार में अजित शर्मा का जगह मिलती है या नहीं.
विधायक पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार: बिजली के खंभे में लगे बैनर में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अजीत शर्मा का फोटो लगा हुआ था, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का मामला बनता है. पीरपैंती थाने में केस दर्ज होने के बाद से अजीत शर्मा लगातार अनुपस्थित रहे. जिसके कारण निर्णय पारित नहीं हो पा रहा था. एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. बता दें कि कांग्रेस विधायक ने इस मामले को लेकर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है.