भागलपूर के पीरपैंती प्रखण्ड के प्रखण्ड मुख्यालय स्थित ट्रायसम भवन मे की ग्राम पंचायतों के ओडीएफ होने पर पंचायत राज विभाग ने ओडीएफ प्लस की तरफ कदम आगे बढ़ा दिए हैं। इससे जहां गांवों की स्वच्छता बेहतर होगी तो वहीं ग्राम पंचायतों की आमदनी भी शुरू हो जाएगी।

इसके तहत गांवों में कूड़ा निस्तारण का इंतजाम होगा, जहां जैविक एवं प्लास्टिक कूड़े को अलग-अलग किया जाएगा। इसमें जैविक कूड़े से खाद बनाई जाएगी, जबकि प्लास्टिक और अन्य पदार्थों को बेच दिया जाएगा। इससे मिलने वाले रुपये भी गांव के विकास पर खर्च होंगे। ग्राम पंचायतें किस प्रकार ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के जरिए अपनी आय बढ़ा सकती हैं,

इसका मूलमंत्र उन्हें समझाया जा सके इसके लिए सरकार की ओर से ओडीएफ प्लस अभियान को स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ा गया है। अब तक स्वच्छ भारत मिशन से केवल ओडीएफ गांव अर्थात खुले में शौच से मुक्त गांव ही घोषित थे, लेकिन अब गांव की गंदगी को गांव में निस्तारित करने का फार्मूला ओडीएफ प्लस गांव के जरिए दिया है।

इसके तहत हर घर के गंदे पानी का सही निस्तारण, गीले व सूखे कचरे के जरिए जैविक खाद बनाना, हर घर शौचालय का शत-प्रतिशत उपयोग, गांव में गोवर्धन योजना लागू कर पशुओं के गोबर के उत्पाद बनाना जैसे कार्य कराए जाएंगे। एक दिवसीय कार्यक्रम में पीरपैंती बीडीओ चंदन चक्रवर्ती जिला समन्वय पदाधिकारी निशांत रंजन प्रखंड समन्वय पदाधिकारी अमरेश कुमार मानिकपुर मुखिया अरविंद साह परशुरामपुर मुखिया पवन यादव, अंबिका मंडल,दिलीप मंडल मीना देवी अन्य वार्ड गण उपस्थित थे.

पंचायत के प्रतिनिधि ने बताया की इतनी कड़ कड़ाती धूप में सुबह 10 बजे के आए हुवे हम सब को न तो पानी की व्यवस्था किया गया है और नाही नाश्ता का पदाधिकारी को भूख प्यास लग रहा हैं तो बाहर से पानी नाश्ता मंगवा कर रहे हैं. जब कार्यक्रम आयोजक प्रखंड समन्वय पदाधिकारी अमरेश कुमार से पूछा की पानी की व्यवस्था क्यों नही किया गया तो उन्होंने बताया कि प्रखंड के नाजिर साहब के नही रहने से पानी की व्यवस्था नही किया जा सका।


इस दौरान गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा। पीरपैंती प्रखण्ड की बात की जाए तो पीरपैंती में 29 ग्राम पंचायतें हैं। इन ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों की निर्माण करने की बात चल रही है,


ओडीएफ प्लस गांव बनाने के लिए यह काम करने होंगे
सिंगल यूज प्लास्टिक को एकत्र करना व उसको अलग करना।
सामुदायिक भवनों में साफ-सफाई एवं पुताई का काम श्रमदान के जरिए करना व कराना।
श्रमदान कर गांव की खाली जमीनों पर पौधरोपण करना और कराना।


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ओडीएफ प्लस गांवों की अवधारणा ग्रामीणों के मन मस्तिष्क में डालना।
प्रखण्ड को ओडीएफ घोषित कराने के बाद अब ओडीएफ प्लस बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके तहत हर गांव में सामुदायिक शौचालय और हर गांव में कूड़ा निस्तारण का इंतजाम होगा। इससे ग्राम पंचायतों की आय भी शुरू हो जाएगी, जिसे गांव के विकास पर ही खर्च किया जा सकेगा।

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