आपातकालीन सेवाओं के लिए अब सिर्फ 112 डायल करना होगा। जल्द ही यह सेवा बिहार में शुरू होने जा रही है। इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) के लिए गाड़ियों की खरीद कर ली गई है। बिहार पुलिस ने 400 गाड़ियों का ऑर्डर दे दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही वाहनों की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इस महत्वपूर्ण परियोजना का मकसद आपात स्थिति में लोगों को तत्काल मदद मुहैया कराना है। इसके लिए बड़े पैमाने पर कमांड एवं कंट्रोल रूम भी स्थापित किये जा रहे हैं। शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे दस जिलों में शुरू किया जाना है।
डायल 112 पर कॉल करने पर पहुंचेगी मदद
अभी पुलिस के लिए 100, एम्बुलेंस के लिए 108 और आग लगने पर फायरबिग्रेड की मदद के लिए 101 नम्बर डायल करना पड़ता है। पर आनेवाले वक्त में इन आपातकालीन सेवाओं के लिए सिर्फ 112 नम्बर ही डॉयल करना होगा। यह व्यवस्था काफी हाईटेक है। ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से इसे जोड़ा गया है। इससे फोन करनेवाले का लोकेशन भी उसके कॉल के साथ कमांड सेंटर को मिल जाएगा। इससे रिस्पांस टाइम कम लगेगा।
बनाए जा रहे कमांड एंड कंट्रोल सेंटर
ईआरएसएस के सुचारू संचालन के लिए राज्य व जिला स्तर पर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाये जे रहे हैं। राज्य स्तरीय सेंटर राजवंशी नगर में स्थित वायरलेस मुख्यालय के प्रांगण में होगा। आनेवाले दिनों में इसे राजीव नगर थाना के पास शिफ्ट किया जाएगा। यह सेंटर 24 घंटे और 7 दिन काम करेगा। यहां एक शिफ्ट में कम से कम 125 व्यक्ति काम करेंगे जो अलग-अलग जिम्मेदारियों को निभाएंगे। इसके लिए पुलिसकर्मियों का चयन कर लिया गया है जिन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है।
इस तरह काम करेगा डायल 112
डायल 112 पर आने वाले फोन को रीसिव करने की जिम्मेदारी कॉल रिस्पांस एसोसिएट की होगी। कॉल रिस्पांस एसोसिएट द्वारा कॉल को रिसीव करने के बाद संबंधित जानकारी डिस्पैच अफसर को भेज दी जाएगी। डिस्पैच अफसर की जिम्मेदारी होगी कि घटनास्थल के सबसे नजदीक मौजूद डायल 112 की गाड़ी को वहां रवाना करें। डिस्पैच अफसर (डीओ) के तौर पर महिला या पुरुष सब-इंस्पेक्टर को तैनात किया जाएगा। मामला गंभीर होने पर जानकारी थाना, डीएसपी, एसपी समेत अन्य अधिकारियों के अलावा फायर बिग्रेड व अन्य संबंधित एजेंसियों को दी जाएगी।