राजधानी दिल्ली स्थित थानों या राह चलते यदि आप किसी पुलिसकर्मी से दो-चार होते हैं, तो आपकी यह मुलाकात कैमरे की निगरानी में होगी। जी हां, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की वर्दी पर भी कैमरे लगेंगे, जिससे उनकी व उनके आसपास की हर गतिविधि पर नजर होगी। खास तौर से ट्रैफिक और पीसीआर पुलिस को कैमरों से लैस किया जाएगा। दिल्ली पुलिस की यह महत्वाकांक्षी योजना फिलहाल परीक्षण स्तर पर है। 

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परीक्षण के बाद इसे पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। परीक्षण के लिए कुछ कैमरों का इस्तेमाल शुरू किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इस योजना पर शुरुआती दौर का काम चल रहा है। योजना को हर कसौटी पर कसने के बाद दिल्ली पुलिस में बारी-बारी से विभिन्न यूनिट में इसे लागू किया जाएगा। इससे न सिर्फ पुलिसिंग में बड़ा बदलाव लाया जा सकेगा, बल्कि पारदर्शिता भी आएगी। पुलिस के व्यवहार में भी सुधार दिखने को मिलेगा।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि फिलहाल इस योजना के तहत दिल्ली पुलिस ने 600 कैमरे मंगाए हैं, जिनका इस्तेमाल कर योजना की सफलता का आकलन किया जा रहा है। पुलिस अधिकारी की मानें तो इन 600 कैमरों को खास तौर से पीसीआर यूनिट समेत अन्य टीम को इस्तेमाल के लिए दिए गए हैं। टीम स्पॉट पर पहुंचने के बाद या किसी जांच के दौरान इन कैमरों का इस्तेमाल कर रही है। टीम से भी फीडबैक लिया जा रहा है। 

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पुलिस सूत्रों की मानें तो कैमरे के इस्तेमाल को लेकर अभी द्वारका जिले में खाका तैयार किया जा रहा है। योजना के तकनीकी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है। कैमरे से लैस पुलिसकर्मियों के व्यवहार को लेकर गाइडलाइन तैयार की जा रही है। इसमें इस बात का उल्लेख होगा कि पुलिसकर्मी किस तरह कैमरे का इस्तेमाल करेगा। उसके पास कितनी देर की वीडियो फुटेज होनी चाहिए। कब वह कैमरा बंद करेगा और ड्यूटी के दौरान कैमरा बंद करने की अनुमति होगी या नहीं। गाइडलाइन की अवहेलना करने पर किस तरह की कार्रवाई की जा सकती है, यह भी बताया जाएगा। 

पुलिस अधिकारी ने बताया कि थाने के पुलिसकर्मी और पीसीआर टीम वर्दी पर लगे कैमरे का सारा विजुअल संबंधित थाने के एसएचओ को सौंपेगी। बाद में इसे थाने के एसएचओ द्वारा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को भी भेजा जाएगा। इसको लेकर समय-समय पर रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। 

पुलिस अधिकारी के अनुसार, खास तौर से पुलिस और जनता के बीच के संबंध में सुधार लाना इस योजना की प्राथमिकता है। कैमरा होने से पुलिस सामने वाले व्यक्ति से ठीक से पेश आएंगे। साथ ही पुलिस पर लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों की स्थिति में यह कैमरा सबूत की तरह काम करेगा। पुलिसकर्मी पर कोई झूठा आरोप नहीं लगा सकेगा। वहीं, कैमरा होने से पुलिसकर्मी भी सतर्कता बरतेंगे और ड्यूटी व व्यवहार में लापरवाही की गुंजाइश कम होगी।

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