• भागलपुर

कभी-कभी हक़ीक़त किसी फ़िल्मी कहानी से भी ज्यादा भावुक और चौंकाने वाली होती है। भागलपुर से सामने आई एक सच्ची घटना ने यह साबित कर दिया कि इंसानियत और कर्तव्यबोध किसी की जिंदगी बदल सकते हैं। यहां एक महिला, जिसे परिवार मृत मान चुका था और जिसका श्राद्ध तक कर दिया गया था, वर्षों बाद अपने पति से दोबारा मिली। और यह करिश्मा संभव हुआ बिहार पुलिस के एक जवान की पहल से।

 

### शादी, बिछड़ना और गुमशुदगी की कहानी

 

भागलपुर कोतवाली थाना क्षेत्र के रहने वाले सत्यनारायण सिंह की शादी वर्ष 2007 में कजरैली चाँदपुर की गुड़िया कुमारी से हुई थी। कई वर्षों तक संतान न होने के कारण परिवार की सहमति से सत्यनारायण ने दूसरी शादी कर ली। दूसरी पत्नी से उन्हें दो बच्चे भी हुए। इस बीच गुड़िया भी परिवार के साथ रह रही थी। लेकिन कुछ ही समय बाद जब सत्यनारायण रोज़गार के लिए दिल्ली गए, तो अचानक गुड़िया घर से लापता हो गई।

 

काफी खोजबीन के बावजूद जब गुड़िया का कोई सुराग नहीं मिला तो परिवार ने उसे मृत मान लिया। परंपरा के अनुसार उसका श्राद्ध-कर्म भी कर दिया गया। परिवार और समाज की नज़रों में वह अब इस दुनिया में नहीं थी।

 

### सड़क पर मिली ज़िंदगी की नई उम्मीद

 

वर्षों बाद, हेलमेट मैन के नाम से मशहूर बिहार पुलिस जवान धनंजय पासवान की नज़र एक बीमार और बेसहारा महिला पर पड़ी, जो सड़क किनारे भीख मांगते हुए जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। मानवता का परिचय देते हुए उन्होंने बिना देर किए उसे मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया और उसकी देखभाल शुरू कराई। धनंजय ने इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया।

 

### वीडियो से खुला राज़, पति पहुंचा अस्पताल

 

इसी वीडियो ने सच्चाई को उजागर किया। वीडियो देखने के बाद दिल्ली में रह रहे सत्यनारायण सिंह की नज़र उस महिला पर पड़ी। जब उन्होंने ध्यान से देखा तो चौंक गए – वह कोई और नहीं, उनकी पहली पत्नी गुड़िया थी, जिसे परिवार मृत मान चुका था। यह खबर मिलते ही सत्यनारायण तुरंत दिल्ली से भागलपुर पहुंचे और अस्पताल में गुड़िया से मुलाकात की।

 

करीब 15 दिनों के इलाज और देखभाल के बाद गुड़िया की तबीयत पूरी तरह ठीक हो गई। जैसे ही उसने अपने पति को सामने देखा, उसकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। अस्पताल का माहौल भी भावुक हो उठा।

 

### अस्पताल में बना भावुक दृश्य

 

गुड़िया के लिए पुलिस जवान ने नए कपड़े और ज़रूरी सामान उपलब्ध कराया। वहीं अस्पताल में मौजूद अन्य मरीजों के परिजनों ने उसे तैयार किया। मांग में सिंदूर लगाया गया और आशीर्वाद देकर वार्ड से विदा किया गया। यह दृश्य देखकर हर कोई भावुक हो गया।

 

### इंसानियत की मिसाल बना पुलिस जवान

 

धनंजय पासवान ने कहा – *“मैंने वही किया जो मेरा धर्म और फर्ज़ था। अगर समय पर मदद न करता तो शायद गुड़िया की जिंदगी खत्म हो जाती। इंसानियत सबसे बड़ा कर्तव्य है।”*

 

### समाज के लिए सीख

 

यह घटना केवल पति-पत्नी के मिलन की कहानी नहीं है, बल्कि समाज के लिए एक बड़ी सीख भी है। इससे संदेश मिलता है कि मानवता की राह अपनाकर कोई भी इंसान किसी की जिंदगी बदल सकता है।

 

जिस महिला को परिवार और समाज ने मृत मानकर भुला दिया था, वह आज अपने पति के साथ दोबारा नई जिंदगी की शुरुआत कर रही है। और इसके पीछे एक पुलिस जवान की संवेदनशीलता और इंसानियत है।

 

 

 

By admin

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