भागलपुर; बरारी लंच घाट पर इस बार छठ व्रतियों के लिए जगह बिल्कुल नहीं है। घाट के ऊपरी हिस्से तक पानी आ गया है। स्थिति यह है कि घाट पर जो दो-दो मंदिर हैं वह भी पानी से घिर गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि छठ के समय में ऐसा कभी नहीं होता था कि घाट पर इतने ऊपर तक पानी रहता था। पिछले कई सालों में यह पहली बार हुआ है कि घाट के ऊपरी हिस्से तक पानी है।
लंच घाट पर पूरा घाट कच्ची है लेकिन यहां बलुआई मिट्टी होने के कारण व्रतियों को ज्यादा दिक्कत नहीं होती है। इस घाट की लंबाई चौड़ाई अधिक रहने के कारण यहां ज्यादा संख्या में व्रतियां जुटती हैं। इस घाट पर न केवल बरारी बल्कि जीरोमाइल, गोपालपुर, बहादुरपुर, झुरखुरिया आदि जगहों से भी लोग पहुंचते हैं। इस बार घाट पर इतना पानी है कि घाट तक जाने वाली सड़क भी आधी डूबी हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी कम हो जाए तो यहां दलदल की स्थिति नहीं होगी। घाट के ऊपरी हिस्से पर पुआल मिट्टी देकर ठीक किया जा सकता है। अभी यह कहना मुश्किल है कि आने वाले 10-12 दिनों में पानी कितना कम होगा। क्योंकि पानी कम होने के बाद घाट को तैयार करने के लिए भी तीन से चार दिन का समय चाहिए। स्मार्ट सिटी की रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना से इस घाट के सौंदर्यीकरण की भी योजना है। हालांकि रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम अभी रुका हुआ है। जब काम होगा तो यहां भी कई सुविधाएं विकसित की जाएंगी। जब तक रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना पर काम नहीं होता है तब तक इस कच्ची घाट पर भी छठ में व्रतियां आराधना करेंगी।