बीते संसद सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों के निलंबन का मुद्दा अब भी गरमाया हुआ है. विपक्ष के सांसदों का बड़ी संख्या में निलंबन हर तरफ चर्चा का विषय है. ऐसे में झारखंड के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे जब अपने लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर पहुंचे तो वहां इन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं के निलंबन को लेकर बड़ा बयान दिया है.
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि हम कांग्रेस मुक्त भारत चाहते थे, लेकिन पूरा विपक्ष सदन मुक्त होना चाहता है और इसीलिए ऐसे सवाल कर रहे हैं, ताकि वे सदन में बने भी रहें और कोई काम भी ना करें.
सांसद निशीकांत दुबे ने कहा कि पूरा विपक्ष यह जानता है कि अगले 3 महीने में लोकसभा का चुनाव है और वह जीतकर नहीं आने वाले हैं. ऐसे में यह सदन में बने रहना चाहते हैं और काम भी नहीं करना चाहते हैं. सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि विपक्ष वैसे मुद्दों को लेकर हंगामा खड़ा कर रहा है जिसका कोई औचित्य नहीं है.
इसके अलावा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजाद भारत में पैदा हुए हैं. यह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो आजाद भारत में जन्म लेकर प्रधानमंत्री बने हैं. इनकी सोच इसलिए भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने के लिए कटिबद्ध है. सांसद ने कहा कि इसी मानसिकता के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंग्रेज शासन के हर वह कानून को बदलना चाहते हैं या उनके प्रतीक चिन्ह को बदलना चाहते हैं. जो हमें गुलामी की दास्तान की याद दिलाता है. सांसद ने यह भी कहा कि अब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है, इसलिए मुद्दे की तलाश में इस तरह की बयानबाजी और हंगामा खड़ा किया जा रहा है.