बिहार में बिजली कनेक्शन की नई दरें तय हो गई हैं। बिजली कंपनी के प्रस्ताव पर बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने एक किलोवाट से 150 किलोवाट तक के कनेक्शन की दर निर्धारित की है। उपभोक्ताओं को न्यूनतम 900 रुपए प्रति किलोवाट की दर से पैसे देने होंगे। अभी प्रति किलोवाट दो हजार रुपए तक लगते हैं। घर से अगर तार-पोल की दूरी 35 मीटर हो तो उपभोक्ताओं को कोई अतिरिक्त पैसा नहीं देना होगा। लेकिन, इससे अधिक दूरी होने पर प्रति स्पैन 50 मीटर की दूरी के अनुसार शुल्क का भुगतान करना होगा। आयोग के इस निर्णय की अधिसूचना एक-दो दिनों में जारी हो जाएगी और इसके साथ ही यह दर प्रभावी हो जाएगी। इस दर के लागू होते ही बिजली कनेक्शन लेने वालों को बिजली इंजीनियरों से एस्टीमेट बनाने की आवश्यकता नहीं होगी। वे निर्धारित दर का भुगतान कर बिजली कनेक्शन ले सकेंगे।
दरअसल, बीते दिनों कंपनी ने आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की थी। आयोग ने इस याचिका पर जनसुनवाई की। कंपनी के साथ ही आम लोगों और गैर सरकारी संगठनों की राय ली गई। इसके बाद आयोग के अध्यक्ष आमिर सुबहानी, सदस्य अरुण कुमार सिन्हा और पीएस यादव ने फैसला सुनाया है। आयोग ने अपने 20 पन्ने के फैसले में कहा है कि कनेक्शन के लिए तय की गई नई दर पूरी तरह प्राक्कलन के आधार पर तैयार किया गया है।
ये होगा हिसाब
तीन किलोवाट तक के कनेक्शन पर 2700 रुपए देने होंगे। इससे अधिक होने पर 900 रुपए प्रति किलोवाट देने होंगे। हर 50 मीटर की दूरी पर 1612 रुपए प्रति स्पैन देने होंगे।
एलटी थ्री फेज में पांच किलोवाट के कनेक्शन में 4500 रुपए देने होंगे। इससे अधिक में एक हजार प्रति किलोवाट देने होंगे। 4795 रुपए हर 50 मीटर की दूरी पर देने होंगे।
एलटी थ्री फेज में 20 किलोवाट का कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को 19 हजार 500 रुपए देने होंगे। इससे अधिक होने पर प्रति किलोवाट एक हजार अतिरिक्त देने होंगे। 50 मीटर की दूरी पर 4795 रुपए प्रति स्पैन देने होंगे।
हाईटेंशन में 45 किलोवाट का कनेक्शन लेने पर तीन लाख 46 हजार 709 रुपए देने होंगे। इससे अधिक पर प्रति किलोवाट सात हजार रुपए अतिरिक्त लगेंगे।
अपार्टमेंट, व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए अलग दर नहीं
आयोग ने कंपनी को कहा है कि वह कनेक्शन में आने वाले खर्च का अलग मद में हिसाब-किताब रखे। भविष्य में अगर सामग्री की कीमत में वृद्धि होगी तो आयोग उस पर विचार करेगा। कंपनी ने अपार्टमेंट, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सामूहिक कनेक्शन के लिए अलग दर तय करने का अनुरोध किया था जिसे आयोग ने खारिज कर दिया। कंपनी ने इस दर को दो साल के लिए ही वैध करने का अनुरोध किया था लेकिन आयोग ने इसे अगले आदेश तक प्रभावी रखने को कहा है।