जिम्मेदार अगर अपनी जिम्मेदारी को ना समझे तो लोगों की जिंदगी भी जा सकती है। ऐसा ही वाकया भागलपुर के सोनपुर डिवीजन के स्टेशन कटारिया का है। जहां पैदल पुल निर्माण को लेकर रेलवे अधिकारी के द्वारा कोई सूद नहीं लिया गया और यहां पर भी रेलवे प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझा। रेलवे प्रशासन की लापरवाही लोगों की जान का खतरा एक दिन बन सकता है। यानी रेलवे प्रशासन भी हादसे को दावत दे रहा है। पैदल पुल निर्माण को लेकर लोगों में आक्रोश है। आक्रोश इस बात को लेकर है, पुल निर्माण को लेकर दर्जनों बार ग्रामीणों द्वारा रेलवे प्रशासन को लिखित आवेदन देकर मांग की लेकिन रेलवे प्रशासन सिर्फ मूर्ख दर्शक बनी रही।


यहां स्थिति ऐसी है कि रेलवे प्लेटफार्म को पार करने के लिए लोगों को अपनी जान से खेलना पड़ता है। कई बार जब रेलवे अधिकारी और डीआरएम जांच के लिए आते है तो ग्रामीणों ने सादे पेज पर लिखकर यह जरूर सूचित करता है कि यहां की स्थिति ऐसी है। और प्लेटफार्म को पार करने के लिए लोगों को जान हथेली पर रखना पड़ता है। लेकिन जिम्मेदार अगर अपनी जिम्मेदारी नहीं समझे तो बात लोगों की जिंदगी पर आ जाती है। स्थानीय लोगों के मुताबिक डीआरएम भी जांच के लिए पहुंचते हैं, लेकिन वह भी अपनी जिम्मेदारी नहीं समझता है। आखिरकार आसपास के डेढ़ लाख लोगों को या परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


लाखों लोग इस परेशानियों से जूझ रहा है। रेलवे प्रशासन से मांग कर रहा है कि समस्या को जल्द समाधान कर दें। अन्यथा जन आंदोलन किया जाएगा और इसका जिम्मेदार रेलवे प्रशासन होगी। बरहाल जरूरत है पैदल पुल निर्माण कराने को लेकर जिम्मेदार को अपनी जिम्मेदारी समझने की, नहीं तो लोगों की जिंदगी खतरे में जा सकती है।।।

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