नवगछिया रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) में मंगलवार को उस समय सनसनी फैल गई जब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरपीएफ इंस्पेक्टर मनोज कुमार यादव को 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई पटना मुख्यालय से आई एसीबी की पांच सदस्यीय टीम ने की। गिरफ्तारी के तुरंत बाद इंस्पेक्टर मनोज कुमार यादव को एसीबी टीम पूछताछ के लिए अपने साथ पटना लेकर रवाना हो गई।
सूत्रों के अनुसार, एसीबी को कुछ दिनों पहले से ही शिकायत मिल रही थी कि नवगछिया आरपीएफ पोस्ट पर तैनात इंस्पेक्टर द्वारा अवैध वसूली और रिश्वतखोरी की जा रही है। शिकायत की जांच के बाद एसीबी की टीम ने मंगलवार को जाल बिछाया और जैसे ही इंस्पेक्टर ने 15,000 रुपये की रिश्वत ली, टीम ने मौके पर ही उसे पकड़ लिया। इस कार्रवाई के बाद आरपीएफ दफ्तर में अफरातफरी का माहौल बन गया और पूरे नवगछिया रेल थाना क्षेत्र में यह खबर आग की तरह फैल गई।
गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही सोनपुर डिवीजन के आरपीएफ कमांडेंट देव ज्योति चटर्जी को मामले की जानकारी दी गई। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि “एसीबी टीम की ओर से केवल इतनी जानकारी दी गई है कि नवगछिया पोस्ट के इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। विस्तृत रिपोर्ट फिलहाल प्राप्त नहीं हुई है।”
घटना की गंभीरता को देखते हुए बरौनी आरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट कृष्ण कुमार तिवारी को तत्काल नवगछिया भेजा गया। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पूरे कार्यालय का निरीक्षण किया और कर्मचारियों से पूछताछ कर प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की। तिवारी ने बताया कि “हालांकि एसीबी टीम की ओर से अब तक कोई लिखित सूचना नहीं मिली है, लेकिन विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।”
एसीबी की इस कार्रवाई के बाद विभाग ने इंस्पेक्टर मनोज कुमार यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनके स्थान पर मुन्ना पासी को नवगछिया आरपीएफ पोस्ट का नया इंस्पेक्टर नियुक्त किया गया है। यह बदलाव भी तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद आरपीएफ कार्यालय में कार्यरत कई कर्मियों में भय और असमंजस की स्थिति है। कई लोग जांच टीम की कार्रवाई के बाद अपने पुराने रिकॉर्ड और फाइलों को देखने में जुट गए हैं। इस बीच एसीबी की कार्रवाई को लेकर रेलवे के अन्य सुरक्षा पदाधिकारियों में भी हलचल मची हुई है, क्योंकि यह मामला विभागीय छवि पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया जा रहा है। यदि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर रिश्वतखोरी या अवैध वसूली का आरोप साबित होता है, तो उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसीबी सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के बाद इंस्पेक्टर मनोज कुमार यादव को न्यायालय में पेश किया जाएगा और आगे की जांच में यह पता लगाया जाएगा कि क्या इस प्रकरण में अन्य अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल थे।
इस पूरी घटना ने नवगछिया आरपीएफ पोस्ट में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश दिया है। एसीबी की इस रेड ने जहां विभागीय अधिकारियों को झकझोर कर रख दिया है, वहीं रेलवे प्रशासन में भी यह चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है।

