भागलपुर। आमजन की समस्याओं के त्वरित और सुलभ समाधान के उद्देश्य से शनिवार को भागलपुर जिला अदालत परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर रेलवे, बैंक, बिजली, जमीन-जायदाद समेत विभिन्न प्रकार के लंबित मामलों के निपटारे के लिए कुल 16 विशेष बेंच बनाए गए हैं। बताया गया कि वर्ष 2025 में राष्ट्रीय लोक अदालत का यह तीसरा आयोजन है, जिसके माध्यम से हजारों लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
उद्घाटन समारोह में उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह, भागलपुर के प्रिंसिपल जज राजकुमार राजपूत और जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मौके पर बड़ी संख्या में अधिवक्ता, न्यायिक पदाधिकारी और आमजन उपस्थित थे।
प्रिंसिपल जज राजकुमार राजपूत ने अपने संबोधन में कहा कि लोक अदालत आम लोगों के लिए न्याय तक आसान पहुंच का माध्यम है। यहां पर मामूली खर्च और कम समय में विवादों का निपटारा संभव है। उन्होंने बताया कि इस बार न केवल मामलों के समाधान पर जोर दिया जा रहा है बल्कि लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष पहल भी की गई है। अदालत परिसर में एक आकर्षक **सेल्फी प्वाइंट** बनाया गया है, जहां लोग तस्वीर खींचकर सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं। उनका कहना था कि इससे लोक अदालत के महत्व और भरोसे को लेकर जनता में सकारात्मक संदेश जाएगा।
राष्ट्रीय लोक अदालत में मुख्य रूप से आपराधिकCompoundable मामलों, बैंक रिकवरी, मोटर दुर्घटना मुआवजा, बिजली बिल विवाद, पारिवारिक विवाद, भूमि-जायदाद से जुड़े मामले और अन्य दीवानी मुकदमों का निपटारा किया जाएगा। आयोजन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार अधिक संख्या में वाद दर्ज किए गए हैं और बड़ी संख्या में लोग अपने मामले निपटाने के लिए अदालत पहुंचे हैं।
उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि लोक अदालत न्याय व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके माध्यम से समाज में आपसी सौहार्द और न्यायिक प्रक्रिया के प्रति भरोसा कायम होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि लोग अदालत का अधिकाधिक लाभ उठाएंगे और विवादों का निपटारा आपसी सहमति से करेंगे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने भी लोगों से अपील की कि छोटे-छोटे विवादों को वर्षों तक अदालत में लंबित रखने के बजाय लोक अदालत के माध्यम से निपटाएं। इससे समय और धन दोनों की बचत होगी। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से अदालतों पर बढ़ते बोझ में कमी आएगी और लोगों को त्वरित न्याय मिल सकेगा।
राष्ट्रीय लोक अदालत के इस आयोजन को लेकर जिला प्रशासन और न्यायालय ने संयुक्त रूप से बेहतर व्यवस्था की थी। अदालत परिसर में आने वाले लोगों के लिए पेयजल, बैठने और मार्गदर्शन की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थीं।
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने भी कहा कि इस तरह की पहल से आम जनता को बहुत लाभ होता है। जहां सामान्य अदालतों में एक केस वर्षों तक लंबित रहता है, वहीं लोक अदालत में थोड़े ही समय में फैसला मिल जाता है।
कुल मिलाकर, भागलपुर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत न केवल विवाद निपटान का मंच बना बल्कि लोगों में जागरूकता फैलाने और न्यायिक प्रणाली के प्रति भरोसा मजबूत करने का भी माध्यम साबित हुआ।
