सहरसा जिला जहाँ बिहार के पूर्व मंत्री सह वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी सहरसा व्यवहार न्यायालय पहुंचे जहां वे आचार संहिता उल्लंघन मामले में न्यायालय में पेश हुए।इस दौरान वीआईपी पार्टी के कई नेता व कार्यकर्ता भी मौजूद थे।वहीं मीडिया से रूबरू होते हुए वीआईपी सुप्रीमो मुकेश साहनी ने कहा कि आचार संहिता का मामला मुझ पर दर्ज किया गया था,

जिसकी जानकारी मुझे नहीं थी लेकिन न्यायालय के द्वारा नोटिस मिलने के बाद उक्त मामले में पेशी के लिए सहरसा कोर्ट आए हैं। जबकि उन्होंने बताया कि इस तरह का केश नहीं होना चाहिए कही पे किसी का वेनर लगा हुआ तो उस पे केस नहीं होनी चाहिए वलकि प्रचार करने वाले लोगों पे केस होना चाहिए, साथ ही उन्होंने कहा प्रधानमंत्री का कही वेनर पे फोटो है तो क्या प्रधान मंत्री पे केस हो जएगा कानून में संशोधन होना चाहिए जबकि जिस केस में हम पेसी हुए है उसमें दूर दूर तक हमें कोई लेना देना नहीं है ।वहीं जातीय जनगणना कराने के सवाल पर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।

उन्होंन कहा कि पूर्व से इसके लिए हम सब लोग लड़ाई लड़ रहे थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर जातीय जनगणना कराने के लिए मांग किया था।जिसका परिणाम सबके सामने है।सरकार अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराने जा रही है जिस का हम स्वागत करते हैं।आगे उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना होने से देश हित के लिए बेहद लाभदायक साबित होगा।
साथ ही सरकार को घेरते हुए बताया यह कि जाति जनगणना ही हो राजनीति नहीं हो जिस तरह विशेष राज्य का दर्जा मांगना राजनीति हुआ वोट नीति हुआ उसी तरह यह जनगणना निष्पक्ष हो जिससे सभी जाति के लोगों को फायदा होगा उन्होंने सरकार को कोसते हुए बताया कि केंद्र सरकार अगर विशेष राज्य का दर्जा नहीं देते हैं तो उनको गठबंधन तोड़ देना चाहिए ना कि साथ में रहना चाहिए क्योंकि सरकार भी उन्हीं की है और वही विशेष राज्य का दर्जा की मांग कर रहे हैं .