सीतामढ़ी भगवान राम की पत्नी सीता का जन्म स्थान है। उत्तर में नेपाल, दक्षिण में मुजफ्फरपुर, पश्चिम में चंपारण और शिवहर और पूर्व में दरभंगा और मधुबनी से घिरा सीतामढ़ी का महान ऐतिहासिक महत्व है।
इसी वजह से यहां बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं। बाघमती, अघवारा, लखनदेई और मनुस्मरा जैसी नदियां सीतामढ़ी जिले से होकर बहती हैं और सीतामढ़ी जिले का उत्तरी भाग हिमालय की तलहटी में स्थित है। सीतामढ़ी धार्मिक ऐतिहासिक और आधुनिक पर्यटक आकर्षणों से भरा पड़ा है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सीता का जन्म सीतामढ़ी जिले में हुआ था। माता सीता सीतामढ़ी जिले में ही भूमि के नीचे एक मिट्टी के बर्तन से निकली थी।
सीतामढ़ी में जानकी मंदिर, पुनौरा में जानकी मंदिर, देवकुली, हलेश्वर स्थान, बागी मठ, गोरौल शरीफ, शुकेश्वर स्थान, बोधायन-सार और सभागाछी ससौला वे स्थान हैं जहां आपको सीतामढ़ी की यात्रा के दौरान जरूर जाना चाहिए।
सीतामढ़ी में लोक कला, नृत्य और संगीत की समृद्ध संस्कृति है। इसके अलावा सीतामढ़ी लाख की चूड़ियों के लिए प्रसिद्ध है और विश्व प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग इस जिले के कई स्थानों पर चित्रित हैं।
अगर आप खाने-पीने के शौकीन हैं तो सीतामढ़ी आपके लिए सही जगह है। यहां के लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाने के लिए दुनिया भर से लोग सीतामढ़ी आते हैं। एक से बढ़कर एक लजीज व्यंजन यहां मौजूद हैं।