गया के खिजरसराय के डेमा गांव में सोमवार को आयोजित आमसभा में जमकर हंगामा हुआ। पांच वर्ष पूर्व आंगनबाड़ी सेविका पद के लिए चयनित महिला को जब नियुक्ति पत्र नहीं मिला तो उसने अपनी दावेदारी को लेकर जोरदार हंगामा किया। इससे पुलिस को बल का इस्तेमाल करना पड़ा।

यही नहीं जब महिला की बात अधिकारियों ने भी नहीं सुनी तो वह SDO की गाड़ी के पहिए के नीचे लेटकर जान देने को भी तैयार हो गई है। हालांकि, मौके पर पुलिस ने महिला को दूर हटा दिया। इस दौरान महिला और उसकी सास दोनों ही जख्मी हो गईं। महिला का समर्थन कर रही भीड़ पर भी पुलिस ने डंडे बरसाए। इधर, इस घटना के बाद से SDO गोपाल प्रसाद का मोबाइल फोन नेटवर्क से बाहर बता रहा है।

चार बार आमसभा हुई पर कोई अफसर नहीं आया

डेमा गांव की बहू प्रीति देवी का कहना है कि आंगनबाड़ी सेविका पद के लिए 2017 में ही उसका चयन हो गया था। इसके बाद से चार बार आमसभा हुई, पर किसी भी आमसभा में वार्ड सदस्य व सरपंच नहीं आए। जब सोमवार को आम सभा बुलाई गई और प्रखंड स्तर के बड़े अधिकारी पहुंचे तो उसकी जगह पर दूसरी महिला का चयन करते हुए उसे नियुक्ति पद दे दिया गया। इस बात का जब प्रीति देवी ने विरोध किया तो किसी भी अधिकारी ने उसे कोई जवाब नहीं दिया।

उलटा मौके पर मौजूद पुलिस बल की ओर से उसे धमका कर भगाने की पुरजोर कोशिश की गई। इस पर भी प्रीति देवी नहीं मानी तो वह SDO गोपाल प्रसाद की गाड़ी के पहिए के नीचे लेट गई। यह देखते ही पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे और महिला को जबरन पहिए के नीचे से खींच कर बाहर करने लगे। बहू को बरहमी खींचे जाने की घटना को देख उसकी सास से रहा नहीं गया और वह भी बहू को बचाने के लिए मैदान में कमर कसकर कूद पड़ी।

सास को सिर के बाल पकड़ कर खींचा

इस पर पुलिस के जवानों ने दोनों महिलाओं के साथ ताकत का इस्तेमाल करते हुए पहिए के नीचे से हटा दिया। इस दौरान महिला पुलिस और महिलाओं के बीच एक दूसरे के जबर्दस्त तरीके से बाल खींचे जाने की घटना भी हुई। महिला पुलिस ने प्रीति देवी की सास को सिर के बाल पकड़ कर खींचा और पहिए के नीचे से हटाया। उसके नीचे से हटते ही बहू के साथ सास भी हमलावर हो गई, लेकिन पुलिस बल के सामने उनकी एक नहीं चली। पुलिस बल ने महिलाओं को आक्रामक होता देख लाठीचार्ज कर दी। इससे वहां खड़ी भीड़ छट गई।

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