बिहार में इस बार मॉनसून समय से पहले दस्तक देने वाला है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के सभी 38 जिलों के लिए चेतावनी जारी कर दी है। आगामी दिनों में आंधी-तूफान, वज्रपात और भारी बारिश की संभावना को देखते हुए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 24 मई 2025 को केरल में मॉनसून के प्रवेश की पुष्टि हो चुकी है, जो सामान्य से 8 दिन पहले हुआ है। इसके आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि बिहार में भी मॉनसून सामान्य तिथि 15 जून से करीब 6 दिन पहले यानी 9 जून के आसपास पहुंच सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार, 25 मई से 31 मई तक राज्य में तेज हवाओं के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। खासकर रविवार से कई जिलों में आंधी-तूफान, वज्रपात और बारिश का खतरा बना रहेगा। हवा की रफ्तार 40 से 50 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इसको लेकर विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।

**किन जिलों में होगा असर:**
बक्सर, भोजपुर, कैमूर, रोहतास, अरवल, औरंगाबाद, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, पूर्णिया, सहरसा, खगड़िया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, बांका और जमुई जैसे जिलों में तेज हवा के साथ बिजली गिरने की संभावना है। वहीं कटिहार, भागलपुर, बांका और रोहतास जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसका मतलब है कि मौसम खतरनाक हो सकता है और सावधानी बरतना जरूरी है।

सोमवार को आधे जिलों में येलो और आधे जिलों में ऑरेंज अलर्ट रहेगा। ऑरेंज अलर्ट यह संकेत देता है कि मौसम गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, इसलिए तैयारियों को मजबूत करने की जरूरत है।

**देशभर में मॉनसून की प्रगति:**
24 मई को मॉनसून ने दक्षिण अरब सागर के शेष भाग, पश्चिम-मध्य और पूर्व-मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप, केरल, माहे, कर्नाटक, तमिलनाडु, मालदीव और बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों में अपनी पहुंच बना ली है। इससे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि मॉनसून इस बार सामान्य तिथि से पहले बिहार समेत पूरे उत्तर भारत में दस्तक देगा।

**बदलते मॉनसूनी रुझानों का प्रभाव:**
पिछले वर्ष 20 जून को बिहार में मॉनसून पहुंचा था और उस समय राज्य में सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी। लेकिन इस बार मौसम विभाग ने सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान जताया है। इसका सीधा असर खेती, जलस्तर और तापमान पर पड़ सकता है।

किसानों के लिए यह खबर राहत देने वाली हो सकती है, क्योंकि समय से पहले और अधिक बारिश का मतलब है कि खरीफ फसलों की बुवाई समय पर हो सकेगी। हालांकि, लगातार बारिश और आंधी-तूफान से फसल और जानमाल को खतरा भी हो सकता है। इसलिए सतर्कता और समय पर सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन जरूरी होगा।

**नागरिकों से अपील:**
मौसम विभाग ने आम जनता से अपील की है कि बिजली गिरने या तेज बारिश के दौरान खुले में न निकलें। किसी सुरक्षित स्थान पर शरण लें और पेड़-पौधों या बिजली के खंभों के पास खड़े न हों। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से भी जिला स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

अंत में, मौसम में इस तरह का बदलाव एक ओर जहां खेती और पर्यावरण के लिए लाभदायक हो सकता है, वहीं दूसरी ओर यह चुनौतियां भी लेकर आता है। ऐसे में प्रशासन, किसान और आम जनता को मिलकर तैयार रहना होगा, ताकि किसी भी संभावित आपदा का सामना बेहतर तरीके से किया जा सके।

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