देश में जहां एक तरफ कोरोना के प्रकोप अभी तक खत्म नहीं हुए तो दूसरी तरफ एक नई महामारी दस्तक दे चुकी हैं। जिसका नाम है मंकीपॉक्स जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक स्वास्थ्य आपातस्थिति यानि ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दिया है। यह वायरस कई देशों में जैसे अमेरिका कनाडा ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के 75 देशों में बड़ी तेजी से फैल रहा। वायरस ने सभी की चिंता को बढ़ा दिया है। मौजूदा आकड़ों के अनुसार दुनिया भर में मंकीपॉक्स के 16 हज़ार से ज्यादा मामले हैं। जिसमें भारत के चार मामले भी शामिल है।
तो चलिये यह जानते हैं आखिर क्या है यह मंकीपॉक्स क्यों इतनी तेजी से फैल रहा है:- मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस संक्रमण दुर्लभ बीमारी है। जो कि चेचक या चिकनपॉक्स के सामान दिखाई देती है। यह बीमारी सबसे पहले वर्ष 1958 में बंदरों में दिखाई दी थी। जिसके कारण इसे मंकीपॉक्स नाम दिया गया। वर्ष 1970 में एक युवा में सबसे पहले मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था।
मंकीपॉक्स के लक्षण:- आम लक्षणों की तरह है शुरुआती लक्षणों में इसमें बुखार, जुकाम, सिर दर्द, बदन दर्द, सूजन, कमर दर्द, शरीर की मांसपेशियों में दर्द शामिल है। इसमें मुख्य रूप शरीर में लाल लाल रेसेस होता है। आमतौर पर हथेलियों और पैरों के तलवों पर ज्यादा नजर आता है। यह संक्रमण अपने आप 14 से 21 दिन में खत्म हो जाता है ।
कैसे फैलता है यह मंकीपॉक्स:- 1.संक्रमित शख्स के नजदीक के संपर्क में आने से।
2.इसका वायरस त्वचा पर किसी कट से या आंख ना किया मुंह के रास्ते शरीर में जाता है।
3.सेक्स के दौरान भी यह वायरस एक शख्स से दूसरे शख्स तक जाता है।
इसके अलावा यह संक्रमित जानवर बंदर, चूहा, गिलहरी आदि से भी फैलता है।
कितना खतरनाक है या नया वायरस मंकीपॉक्स :- अब तक इस वायरस के ज्यादातर हल्के मामले सामने आए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्स से संक्रमित हर 10वें व्यक्ति की मौत हो सकती है।
मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के 2 से 4 हफ्ते बाद लक्षण धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं।
छोटे बच्चों में गंभीर संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। हालांकि, कई बार ये मरीज के स्वास्थ्य और उसकी जटिलताओं पर भी निर्भर करता है।
चेचक के खत्म होने के बाद इस बीमारी का वैक्सीनेशन भी बंद हो गया है। इसलिए 40 से 50 साल कम उम्र के लोगों को मंकीपॉक्स का खतरा ज्यादा बना रहता है।
भारत में कितना अलर्ट है:-
देश में मंकीपॉक्स के दो मामले सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई है। केरल से सटे राज्यों में अलर्ट बढ़ा दिया गया है।
तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सरकारी गांधी अस्पताल को मंकीपॉक्स संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए अलर्ट पर रखा गया है ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में भी अलर्ट है। कन्नूर का रहने वाला संक्रमित दक्षिण कन्नड़ के एयरपोर्ट पर भी आया था। लिहाजा, यहां सरकारी अस्पताल में 10 बेड संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए रिजर्व रखे गए हैं।
केंद्र सरकार भी अलर्ट पर है। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हर अंतरराष्ट्रीय यात्री की स्क्रीनिंग करने को कहा है। ताकि मंकीपॉक्स के फैलने के खतरे को कम किया जा सके। इसके अलावा, पिछले हफ्ते केंद्र ने एक हाई लेवल टीम भी केरल भेजी थी।