फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की बहाली मामले में पटना हाइकोर्ट ने निगरानी को तीन महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया है।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने रंजीत पंडित की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की।
कोर्ट ने गत दिनों राज्य सरकार को एक समय सीमा निर्धारित करने का आदेश दिया था, जिसके तहत सभी संबंधित शिक्षक को अपनी डिग्री व अन्य कागजात प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
मामले पर अगली सुनवाई की तारीख आगामी 7 अगस्त तय की। कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार एवं निगरानी विभाग द्वारा दायर हलफनामा में 75 हजार से ज्यादा शिक्षकों का फोल्डर नहीं मिलने की बात कही गई है।
आवेदक के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि बड़ी संख्या में जाली डिग्रियों के आधार पर राज्य में शिक्षकों की बहाली हुई है।