प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद की चुनौती पूरी दुनिया ने महसूस की है।
इससे निपटने के लिए सभी देशों को सख्ती बरतनी होगी। आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति नहीं बन पाना दुखद है।
प्रधानमंत्री शुक्रवार को नौवें जी-20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन ‘पी-20’ के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।
इजरायल-हमास युद्ध के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जो कुछ घट रहा है, उससे आज कोई भी अछूता नहीं है।
मानवता के सामने जो बड़ी चुनौतियां हैं, उनका समाधान बंटी हुई दुनिया नहीं दे सकती। मोदी ने कहा कि अब पूरी दुनिया को इस बात का अहसास हो रहा है कि आतंकवाद कितनी बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर की संसद और उनके प्रतिनिधियों को ये सोचना होगा कि आंतकवाद के विरुद्ध इस लड़ाई में हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं।
विश्व को एक पृथ्वी-एक परिवार-एक भविष्य की भावना से देखने का आह्वान किया।