बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सोमवार से पूरे राज्य में **आदर्श आचार संहिता लागू** हो गई है। इसकी जानकारी देते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी **विनोद सिंह गुंजियाल** ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश के बाद सभी राजनीतिक पोस्टर, बैनर और प्रचार सामग्री को **24 घंटे के भीतर सार्वजनिक स्थलों से हटाने** का आदेश दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से कराने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि **चुनाव कार्य में चार लाख मतदान कर्मी और 4.5 लाख सुरक्षाकर्मी** तैनात किए जाएंगे। राज्य में **32 विधानसभा क्षेत्र को व्यय की दृष्टि से संवेदनशील** चिन्हित किया गया है, जहां निगरानी के लिए आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, डीआरआई और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती के बाद और सघन निगरानी की जाएगी।
गुंजियाल ने बताया कि **दक्षिण बिहार के छह जिलों के 2,100 मतदान केंद्रों को नक्सल प्रभावित घोषित** किया गया है। इन पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। राज्य में **197 मतदान केंद्र ऐसे हैं जहां नाव से मतदान दलों की पहुंच होगी**, जबकि **दियारा क्षेत्रों के 250 मतदान केंद्रों** की सुरक्षा घोड़े पर गश्त कर की जाएगी।
राज्य में **कुल 90,712 मतदान केंद्र** बनाए गए हैं, जिनमें से **13,911 शहरी** और **76,801 ग्रामीण मतदान केंद्र** हैं। औसतन **प्रत्येक केंद्र पर 818 मतदाता** होंगे। इसके अलावा **292 दिव्यांग प्रबंधित**, **1,044 महिला प्रबंधित** और **38 युवा प्रबंधित मतदान केंद्र** बनाए जाएंगे। राज्यभर में **1,350 आदर्श मतदान केंद्रों** की भी व्यवस्था होगी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि **30 सितंबर तक राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़** हो गई है। इनमें **14.01 लाख नए (18-19 वर्ष) मतदाता**, **1.63 करोड़ 20-29 आयु वर्ग** के मतदाता, और **4.03 लाख 85 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठ मतदाता** शामिल हैं।
राज्य में **3.49 करोड़ महिला मतदाता** हैं, जिनकी संख्या विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान **10.30 लाख** बढ़ी है। **महिला मतदाताओं का अनुपात 892** है।
गुंजियाल ने कहा कि **युवा मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 243 सहायक निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी** तैनात किए गए हैं। इस बार **4.19 लाख नए मतदाता पहली बार पंजीकृत** हुए हैं।
बिहार के **243 विधानसभा क्षेत्रों** में से **203 सामान्य**, **38 अनुसूचित जाति** और **दो अनुसूचित जनजाति** के लिए आरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन विभाग का लक्ष्य है कि इस बार मतदान प्रतिशत में वृद्धि हो और हर मतदाता तक लोकतंत्र की आवाज पहुंचे।
