सहरसा सदर अस्पताल में रविवार को पहली बार पहुंचे स्थानीय विधायक इन्द्रजीत गुप्ता ने अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एंबुलेंस ड्राइवरों से जुड़ी लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रबंधन और एंबुलेंस एजेंसी के प्रतिनिधियों के साथ एक अहम बैठक की। बैठक में जिले में संचालित एंबुलेंस सेवा की स्थिति, ड्राइवरों की ड्यूटी, भुगतान व्यवस्था और मरीजों के रेफर सिस्टम सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक के दौरान विधायक को जानकारी दी गई कि सहरसा जिले में कुल 34 एंबुलेंस संचालित हैं। प्रत्येक एंबुलेंस पर दो ड्राइवर और दो मेडिकल टेक्नीशियन (एमटी) तैनात रहते हैं। वर्तमान में जिले में कुल 125 एंबुलेंस ड्राइवर कार्यरत हैं, जिन्हें 12 घंटे की ड्यूटी के एवज में 545 रुपये का भुगतान किया जाता है। विधायक ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सभी पक्षों की बात सुनी और स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विधायक इन्द्रजीत गुप्ता ने बैठक के दौरान एंबुलेंस ड्राइवरों को भी सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि किसी रेफर किए गए मरीज को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में भर्ती नहीं कराया गया या मरीज और उनके परिजनों से किसी प्रकार की शिकायत सामने आई, तो जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि एंबुलेंस सेवा का उद्देश्य मरीजों को समय पर सुरक्षित इलाज उपलब्ध कराना है, न कि उन्हें भटकाना।
विधायक ने साफ शब्दों में कहा कि जनता ने उन्हें अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए चुना है। गरीब और जरूरतमंद मरीजों का सही समय पर इलाज होना चाहिए। अस्पताल केवल रेफर करने का केंद्र नहीं बन सकते। उन्होंने निजी अस्पतालों में रेफर के नाम पर गरीब मरीजों के शोषण के खिलाफ सदन से लेकर सड़क तक आवाज उठाने की बात कही।
ऑक्सीजन प्लांट से जुड़े सवाल पर विधायक ने बताया कि इस विषय पर जिला अधिकारी दीपेश कुमार के साथ पहले ही बैठक हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पटना से लौटने के बाद वे एक बार फिर सहरसा सदर अस्पताल का विस्तृत निरीक्षण करेंगे। अस्पताल प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं को समझकर उनके समाधान के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
