नई दिल्ली: भारत में देवी के कई रहस्यमयी मंदिर मौजूद हैं. धर्म शास्त्रों में 51 शक्तिपीठों का वर्णन मिलता है. मान्यता है कि माता सती के शरीर जो अंग जहां-जहां गिरा वह स्थान शक्तिपीठ से विख्यात हुआ. उन्हीं शक्तिपीठों में से एक नैना देवी है. आइए जानते हैं इस शक्तिपीठ के बारे में. 

हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे धार्मिक स्थल है जहां भक्तों का तांता लगा रहता है. इनमें से सबसे अधिक महिमा नैना देवी की बताई जाती है. नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलापुर जिले में अवस्थित है. देवी के इस मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि यहां माता सती की आंखें गिरी थीं. नैना देवी शक्तिपीठ शिवालिक पर्वत श्रेणियों में स्थित है. 

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नैना देवी शक्तिपीठ में चैत्र नवरात्रि, आश्विन नवरात्रि और सावन अष्टमी के अवसर पर भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां भक्त ‘यह माता दी’ का उद्घोष करते हुए माता के दर्शन करने के लिए आते हैं. श्रद्धालु उम्मीदों के साथ माता के दर्शन करते हैं ताकि उनकी मनोकामना पूरी हो सके. 

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मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के दाईं ओर भगवान गणेश और हनुमानजी की प्रतिमा है. मंदिर के गर्भ गृह में 3 मूर्तियां हैं. जिसमें दाईं ओर मां काली, बीच में नैना देवी और बाईं ओर भगवान गणेश विराजामान हैं. मंदिर परिसर में एक पीपल का पेड़ भी है जो कई शताब्दी पुराना बताया जाता है. भक्त इसे भी भक्तिभाव से पूजते हैं. कहते हैं कि जो एक बार माता के दर्शन कर लेता है, वो बार-बार यहां दर्शन कर आशीर्वाद लेना चाहता है. 

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