नवगछिया पुलिस जिला अंतर्गत खरीक थाना क्षेत्र से एक बेहद चौंकाने वाला और अमानवीय मामला सामने आया है, जहां एक नाबालिग बच्चे के साथ न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि उसे डराकर चोरी करने के लिए मजबूर किया गया। यह घटना पिछले डेढ़ महीने से लगातार जारी थी, लेकिन इसका खुलासा तब हुआ जब बच्चे की मां ने 8 जून को घर से पैसे गायब होने के बाद उससे सख्ती से पूछताछ की।

परिजनों के अनुसार, मोहल्ले के कुछ किशोरों ने बच्चे को डराया-धमकाया और उसे जबरदस्ती आसपास के घरों में चोरी करवाने के लिए मजबूर किया। बच्चे से चोरी की रकम भी इन किशोरों द्वारा छीन ली जाती थी और जब वह पैसे नहीं दे पाता, तो उसे मोटी लकड़ी से बेरहमी से पीटा जाता था। इस मारपीट का वीडियो भी बनाया गया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में नाबालिग की चीख-पुकार और उसकी बेबसी साफ दिखाई दे रही है, जिससे लोगों में गहरा आक्रोश है।
परिजनों ने सबसे पहले खरीक थाना में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने के लिए शिकायत पत्र के मजमून में बदलाव कर दिया और मुख्य आरोपियों को नामजद नहीं किया। जब थाना स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो परिजन न्याय की उम्मीद में नवगछिया पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचे। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि उनका बेटा मानसिक रूप से बुरी तरह प्रभावित हो चुका है और अब भी डर के माहौल में जी रहा है।
एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं और भरोसा दिलाया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वायरल वीडियो की तकनीकी जांच कराई जाएगी और मारपीट तथा जबरन चोरी करवाने जैसे जघन्य कृत्य में शामिल सभी लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों के अनुसार, अब तक करीब 45 हजार रुपये की चोरी की बात सामने आई है। इस पूरे मामले ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिस शुरू से इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही थी? या फिर यह लापरवाही का मामला है? इन सवालों का जवाब आने वाली जांच से स्पष्ट होगा।
वहीं, पीड़ित परिवार का कहना है कि वे अपने बच्चे को इंसाफ दिलाकर ही चैन की सांस लेंगे। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और नाबालिग के मानसिक एवं सामाजिक पुनर्वास की भी व्यवस्था की जाए, ताकि वह सामान्य जीवन की ओर लौट सके।
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