बिहार के सहरसा जिले में सरकारी सहायता राशि में बिचौलियों की **सेंधमारी** का मामला उजागर हुआ है। यह मामला **नवहट्टा प्रखंड के खड़का तैलवा पंचायत** से जुड़ा है, जहां गरीब मजदूर **सुरेन्द्र राम** ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। सुरेन्द्र राम, जो वार्ड नंबर 9 के निवासी हैं, ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर बताया कि वह दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है।

 

सुरेन्द्र राम ने आरोप लगाया कि **श्रम विभाग, बिहार सरकार** की ओर से उनके खाते में हाल ही में पोशाक सहायता राशि के रूप में **₹5000** आई थी। लेकिन खाते में राशि आते ही **विल्लेशन शर्मा** नामक बिचौलिये ने उनसे संपर्क किया और **₹2500 की अवैध मांग** की। बिचौलिये ने धमकी दी कि यदि वह पैसे नहीं देंगे तो अगली बार मिलने वाली **₹6000 की सहायता राशि** उनके खाते में नहीं आएगी। मजबूरी में मजदूर को **आधी राशि बिचौलिए को देनी पड़ी।**

 

सुरेन्द्र राम ने सीधे **जिलाधिकारी** से शिकायत कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, **लेबर कमिश्नर जावेद रहमत** ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है और इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषी पाए जाने पर **बिचौलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई** की जाएगी।

 

विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला उस **भ्रष्ट तंत्र** की ओर इशारा करता है, जिसमें गरीब मजदूरों की सरकारी सहायता राशि तक बिचौलिये हड़प रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने वाली मदद भी कई बार भ्रष्टाचार और दबाव का शिकार बन रही है।

 

सुरेन्द्र राम ने कहा कि उन्हें प्रशासन से उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिले और भविष्य में ऐसे गरीब मजदूरों का हक सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक निगरानी और शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि गरीब और असहाय लोगों को उनके हक तक बिना किसी दबाव के पहुँच सके।

 

स्थानीय लोगों ने भी इस मामले की निंदा की है और कहा कि ऐसे बिचौलियों पर कड़ी कार्रवाई होना जरूरी है। उनका कहना है कि गरीब और मेहनती लोगों को उनका हक सुरक्षित पहुंचाना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

 

 

 

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