जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में सीमा पार से हुई गोलीबारी में बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर इम्तेयाज अली शहीद हो गए। वह बिहार के सारण जिले के गड़खा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के निवासी थे। शुक्रवार रात पाकिस्तान की ओर से अकारण की गई गोलीबारी में वह बुरी तरह घायल हो गए थे। इस हमले में उनके साथ बीएसएफ के सात अन्य जवान भी घायल हुए, जिन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान इम्तेयाज ने अंतिम सांस ली।

इम्तेयाज बीएसएफ की सीमा चौकी पर तैनात थे और गोलीबारी के दौरान उन्होंने मोर्चा संभाल रखा था। वह अपनी ड्यूटी निभाते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी शहादत की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। गांववालों की आंखें नम थीं लेकिन उनके साहस और बलिदान पर गर्व भी था। इम्तेयाज की बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें सच्चा देशभक्त बना दिया।

उनके परिवार को पहले बताया गया कि वह घायल हैं और उनका इलाज आर्मी हॉस्पिटल, जम्मू में चल रहा है। लेकिन बीएसएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर उनके शहीद होने की पुष्टि कर दी। इस खबर के बाद उनके बेटे इमरान अली जम्मू के लिए रवाना हो गए। वह ट्रेन से निकल चुके हैं ताकि अपने पिता के अंतिम दर्शन कर सकें।

बीएसएफ जम्मू ने अपने एक्स हैंडल पर इम्तेयाज को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “हम राष्ट्र की सेवा में सब इंस्पेक्टर इम्तेयाज के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं। डीजी बीएसएफ और सभी रैंक उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।”

रविवार को जम्मू फ्रंटियर मुख्यालय में उन्हें अंतिम सलामी दी जाएगी। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव नारायणपुर लाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

इम्तेयाज की शहादत ने यह एक बार फिर साबित कर दिया कि सीमा पर तैनात हमारे जवान हर क्षण देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने को तैयार रहते हैं। उनका बलिदान हमेशा देशवासियों के दिलों में जीवित रहेगा और आने वाली पीढ़ियों को देशसेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।

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