पूर्णिया में अवैध तरीके से बनाये गये अपार्टमेंट, बड़ी बिल्डिंग व नर्सिंग होम वगैरह पर गाज गिरने वाली है. निगम की टीम बहुत जल्द नक्शा के हिसाब से स्थल निरीक्षण करेगी. इसकी तैयारी की जा रही है.

बिहार के पूर्णिया शहर के अपार्टमेंट, नर्सिंग होम, मॉल और बड़ी बिल्डिंगों पर गाज गिरने वाली है. होम वर्क करने के बाद नगर निगम इसकी तैयारी में जुट गया है. हालांकि कई लोगों को नोटिस चली गई है पर निगम सीधी कार्रवाई के पक्ष में है. समझा जाता है कि निगम की टीम बहुत जल्द नक्शा के हिसाब से स्थल निरीक्षण करेगी. अंदर ही अंदर इसकी तैयारी की जा रही है.

कार्रवाई के दायरे में आएंगे ये…

निगम यह देखना चाहता है कि जिस तरह नक्शा बना है उस हिसाब से निर्माण हुआ है या नहीं. खबर है कि कार्रवाई के दायरे में न केवल नये बल्कि दस वर्ष पूर्व बने अपार्टमेंट, मॉल व नर्सिंग होम भी आ सकते हैं. नगर निगम ने भवन निर्माण में नियमों व नक्शा की अनदेखी को गंभीरता से लिया है.

नक्शा को दरकिनार कर निर्माण 

गौरतलब है कि हालिया सालों में शहरी इलाके में बड़े पैमाने पर नर्सिंग होम, अपार्टमेंट, मॉल और मार्केट बनाए गये हैं जिनका नक्शा भी बना और पास हुआ है पर निगम को यह सूचना मिली है कि अधिकांश निर्माण कार्य नक्शा को दरकिनार कर किये गये हैं. निगम के जानकारों ने बताया कि जब भी कोई मॉल का निर्माण होता है उसमें नियमानुसार बेसमेंट में पार्किंग का प्रावधान किया जाता है.

मॉल में पार्किंग की व्यवस्था नहीं तो होगी कार्रवाई

पूर्णिया में दर्जनों मॉल बेसमेंट समेत बनाए गये हैं पर उसमें पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई है जबकि निगम प्रशासन ने पहले से गाइड लाइन जारी कर रखा है पर इसका पालन ही नहीं किया गया. बेसमेंट में जहां पार्किंग होनी चाहिए, वहां भी दुकानें चल रही हैं. इसी तरह अपार्टमेंट, नर्सिंग होम एवं अन्य बड़ी बिल्डिंगों के निर्माण में भी गड़बड़ी की सूचना निगम को है. इससे इस आशंका को बल मिल रहा है कि शहर में जिस तरह अपार्टमेंट,नर्सिंग होम और मॉल आदि बनाए गये हैं उससे आने वाले कुछ सालों में समस्या बढ़ सकती है. इसी नजरिये से निगम कार्रवाई की तैयारी में है.

निगम का है गाइडलाइन

शहरी क्षेत्र में अपार्टमेंट, नर्सिंग होम, मॉल एवं मार्केट या अन्य बड़ी बिल्डिंग निर्माण से पूर्व उसका नक्शा बनाकर उसे निगम से पास कराना आवश्यक है. नक्शा किसी आर्किटेक्ट से ही बनवाया जाना चाहिए. नक्शा लेकर फिर निर्माण करने वाला भू स्वामी निगम कार्यालय में जमा करते हैं जहां निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद निगम के इंजीनियर इसकी जांच करते हैं और आपत्ति नहीं हुई तो इसे पास करते हैं. यह अनिवार्य शर्त है कि निर्माण कार्य बिल्कुल नक्शा के अनुरुप होना चाहिए.

कहते हैं अधिकारी

नगर निगम को यह सूचना है कि निर्माण में नियमों की अवहेलना हुई है. इस तरह नियमों के अनुरूप निर्माण नहीं होने वाले भवनों को चिह्नित किया जा रहा है. जो चिह्नित हो गये हैं उन्हें नोटिस भेजी गयी है. स्थल निरीक्षण के बाद विभागीय स्तर पर विधिसम्मत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.

शेखर प्रसाद, सिटी मैनेजर, नगर निगम

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