बिहार की सियासत एक बार फिर करवट लेने को तैयार है। चर्चित यूट्यूबर, सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व बीजेपी नेता **मनीष कश्यप** अब औपचारिक रूप से **जनसुराज पार्टी** से सियासी पारी शुरू करने जा रहे हैं। बिहार तक को मिली **एक्सक्लूसिव जानकारी** के अनुसार, मनीष कश्यप **23 जून को पटना में प्रशांत किशोर की मौजूदगी में जनसुराज पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे**। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी ऐलान किया है कि वे **चनपटिया विधानसभा सीट** से चुनाव लड़ेंगे।
### सियासत में नई दस्तक
जनसुराज में मनीष कश्यप की एंट्री को लेकर पिछले कुछ समय से कयास लगाए जा रहे थे। कई बार उनके द्वारा दिए गए संकेत, पार्टी नेताओं से मुलाकात और जनसुराज के कार्यक्रमों में रुचि को लेकर चर्चाएं गर्म थीं। अब इन अटकलों पर विराम लगाते हुए, मनीष कश्यप ने बड़ा फैसला लिया है, जो बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाला है।
### YV गिरी से मुलाकात बनी निर्णायक
सूत्रों की मानें तो मनीष कश्यप ने हाल ही में **जनसुराज के वरिष्ठ नेता व पूर्व आईएएस अधिकारी YV गिरी** से मुलाकात की थी। इसी बैठक के बाद से पार्टी में शामिल होने की चर्चाएं तेज हो गई थीं। अब खबर साफ हो चुकी है – 23 जून को मनीष कश्यप आधिकारिक रूप से प्रशांत किशोर की जनसुराज टीम में शामिल होंगे।
### चनपटिया सीट से उतरेंगे मैदान में
मनीष कश्यप ने पहले ही सार्वजनिक मंचों पर यह घोषणा कर दी थी कि वे चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। अब यह तय हो गया है कि वे **जनसुराज के टिकट** पर यह चुनाव लड़ेंगे। उनके मैदान में उतरने से **चनपटिया की सियासी गणित में बड़ा बदलाव आ सकता है।** क्षेत्रीय स्तर पर उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर उन्हें मिल रहे समर्थन से भी स्पष्ट है कि उनकी लोकप्रियता आज भी बरकरार है।
### विवादों से भरा रहा है सियासी सफर
मनीष कश्यप का राजनीतिक सफर अब तक उतार-चढ़ाव भरा रहा है। शुरुआत में वे **राजद के खिलाफ मुखर रुख** अपनाकर चर्चा में आए। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हुए, लेकिन यह संबंध ज्यादा दिन तक नहीं चला। भाजपा से अलग होने के बाद लंबे समय तक यह सवाल बना रहा कि वे अगला राजनीतिक कदम क्या उठाएंगे – निर्दलीय लड़ेंगे या किसी दल से जुड़ेंगे?
अब इस पर विराम लगाते हुए उन्होंने प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली जनसुराज पार्टी को चुना है। माना जा रहा है कि उनकी विचारधारा और प्रशांत किशोर के विकास मॉडल में समानताएं उन्हें इस दल की ओर खींच लाई हैं।
### पीला गमछा और बदला रुख
पिछले कुछ महीनों में मनीष कश्यप का रुख जनसुराज और प्रशांत किशोर के प्रति खासा **नरम और सकारात्मक** रहा है। कई बार जब उनसे प्रशांत किशोर के बारे में सवाल किए गए, तो उन्होंने न केवल उनकी तारीफ की, बल्कि सार्वजनिक रूप से **पीले गमछे** में नजर आकर यह भी संकेत दे दिया था कि उनका रुझान किस ओर है।
### जनसुराज को मिलेगा बड़ा चेहरा
मनीष कश्यप का जनसुराज में आना पार्टी के लिए किसी **बूस्टर डोज़** से कम नहीं है। जनसुराज, जो अब तक धरातल पर संगठन खड़ा करने में जुटा था, अब एक चर्चित और प्रभावशाली चेहरा मिलने के बाद और भी आक्रामक तरीके से सियासी मैदान में उतर सकती है। मनीष की लोकप्रियता, खासकर युवाओं और सोशल मीडिया पर सक्रिय जनता के बीच, जनसुराज को नई पहचान दे सकती है।
### विरोधियों के लिए बढ़ेगी चुनौती
इस नए समीकरण से **बीजेपी और अन्य दलों के लिए भी चुनौतियां बढ़ने वाली हैं**। खासकर चनपटिया सीट पर मुकाबला दिलचस्प होगा। यहां मनीष कश्यप के मैदान में आने से अब जातीय, विकास और छवि की राजनीति के नए समीकरण बनेंगे।
### निष्कर्ष
मनीष कश्यप की सियासत में वापसी एक नई दिशा लेने जा रही है। जनसुराज के साथ उनका जुड़ना और चनपटिया से चुनाव लड़ने का ऐलान सिर्फ एक व्यक्ति का फैसला नहीं, बल्कि बिहार की बदलती राजनीतिक हवा की ओर इशारा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 23 जून के बाद बिहार की राजनीति किस मोड़ पर जाती है।
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