सहरसा से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है, जहां निगरानी विभाग यानी विजिलेंस की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सेल्स टैक्स कार्यालय में कार्यरत एक चतुर्थ वर्गीय कर्मी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई सोमवार को सहरसा अंचल के राज्य कर संयुक्त आयुक्त कार्यालय में की गई, जिससे पूरे कार्यालय में हड़कंप मच गया।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान कार्यालय में पदस्थापित चपरासी शंकर कुमार के रूप में हुई है, जिसे 75 हजार रुपये घूस लेते हुए विजिलेंस की टीम ने पकड़ा। इस कार्रवाई का नेतृत्व निगरानी विभाग के डीएसपी पवन कुमार–2 ने किया।
डीएसपी पवन कुमार–2 ने जानकारी देते हुए बताया कि सिमरी बख्तियारपुर के रहने वाले टायर व्यवसायी सिराजुल होदा ने 17 दिसंबर को निगरानी विभाग में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि उनका बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है और उसे खुलवाने के एवज में सेल्स टैक्स कार्यालय के चपरासी शंकर कुमार द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है।
पीड़ित व्यवसायी सिराजुल होदा के अनुसार, 8 मार्च 2025 को बैंक ऑफ इंडिया में स्थित उनका करंट अकाउंट अचानक होल्ड कर दिया गया। जब उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि सेल्स टैक्स विभाग की ओर से उनके ऊपर करीब 12 लाख रुपये का बकाया दिखाया गया है, जबकि वे पहले ही टैक्स का भुगतान कर चुके थे। बाद में विभाग ने 2 लाख 49 हजार रुपये ब्याज जोड़कर जमा करने को कहा, जिसे उन्होंने जमा भी कर दिया। इसके बावजूद उनका बैंक अकाउंट नहीं खोला गया।
आरोप है कि पूरे मामले को “मानवीय भूल” बताकर सेटलमेंट कराने के नाम पर पहले एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई, जिसे बाद में 75 हजार रुपये में तय किया गया। शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि यह रकम संयुक्त आयुक्त प्रवीण कुमार के कहने पर मांगी जा रही थी।
शिकायत के सत्यापन के बाद निगरानी विभाग की 15 सदस्यीय टीम ने जाल बिछाया और सोमवार को कार्यालय परिसर में ही चपरासी शंकर कुमार को 75 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपी को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
निगरानी विभाग ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी गहन जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी।
