भागलपुर में एक सनसनीखेज ठगी कांड का खुलासा हुआ है जिसने जिले से लेकर राज्य स्तर तक हलचल मचा दी है। खुद को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का निजी सचिव (पीए) बताकर दो ठगों ने भागलपुर के सांसद अजय मंडल से लाखों रुपये की मांग की थी। ठगों की भाषा और व्यवहार संदिग्ध लगने पर सांसद अजय मंडल तुरंत सक्रिय हुए और रंगरा थाना प्रभारी विश्वबंधु कुमार को इस संदिग्ध गतिविधि की जानकारी दी। सांसद की यह सतर्कता आगे चलकर ठगों के लिए जानलेवा साबित हुई।
पिछले एक सप्ताह से लगातार मोबाइल नंबर 7285862388 से ठग सांसद को फोन कर रहे थे और अलग-अलग बहानों से मोटी रकम की मांग कर रहे थे। शनिवार की शाम मामले ने गंभीर मोड़ लिया जब ठगों ने रंगरा थाना क्षेत्र के हिमांशु पेट्रोल पंप पर पैसे लेने पहुंचने की बात कही। पुलिस पहले से ही पूरी तैयारी में थी। जाल बिछाया जा चुका था और संभावित समय से पहले जवान इलाके में तैनात कर दिए गए थे। जैसे ही दोनों युवक पैसे लेने के लिए वहां पहुंचे, पुलिस ने बिना किसी देरी के उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार दोनों युवक — राज कुमार पांडे और रवि पांडे — सगे भाई हैं और उत्तर प्रदेश के आंबेडकरनगर जिले के अहिरौली बाना क्षेत्र के जिवधरपुर गांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह कोई आम ठगी नहीं, बल्कि एक बड़े इंटरनेशनल फ्रॉड नेटवर्क से जुड़ा मामला है जो लंबे समय से प्रभावशाली और संवेदनशील पदों पर बैठे व्यक्तियों को निशाना बनाता रहा है।
पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और उनके कॉल डिटेल, बैंक लेनदेन और संपर्कों की गहराई से जांच की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि इस गिरोह के कनेक्शन कई राज्यों और संभवतः विदेशों तक फैले हो सकते हैं। यह भी संभावना जताई जा रही है कि गिरोह के अन्य सहयोगी अभी भी सक्रिय हैं, जिनकी तलाश के लिए कई टीमें गठित की जा चुकी हैं।
सांसद अजय मंडल के आवेदन पर रंगरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। थाना प्रभारी विश्वबंधु कुमार ने बताया कि यदि सांसद समय पर सूचना नहीं देते, तो इस गिरोह का पर्दाफाश इतना तेजी से संभव नहीं था। उनकी सतर्कता ने एक बड़े अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। इस बात पर संतोष जताया जा रहा है कि सांसद की सूझबूझ और प्रशासन की तत्परता ने न केवल जिले को एक बड़े वित्तीय अपराध से बचाया, बल्कि ऐसे अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय अपराधियों पर भी कड़ा संदेश भेजा है कि कानून के शिकंजे से कोई नहीं बच सकता।
यह घटना एक बार फिर चेतावनी देती है कि किसी भी फोन कॉल या संदेश पर बिना सत्यापन के भरोसा करना खतरनाक हो सकता है, खासकर जब मामला किसी बड़े अधिकारी, मंत्री या सरकारी पद का नाम लेकर धन मांगने से जुड़ा हो। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना अधिकारियों को दें ताकि अपराध को समय रहते रोका जा सके।
