मथुरा, जागरण टीम। यही तो ब्रज है। यहां हर जन के आराध्य भगवान श्रीकृष्ण हैं। तो उनकी गाय की घर-घर सेवा होती है। कान्हा की गाय से ब्रजवासियों का क्या नाता है, ये काठिया बाबा से भला कौन जान सकता है। आश्रम से गाय और बछिया चोरी हो गई। बाबा व्याकुल हो गए, आंखों में आंसू लिए भूख हड़ताल पर बैठ गए। पेड़ के नीचे बैठे बाबा की निगाह हर समय आश्रम के गेट पर रहती है, शायद गाय आ जाए।

कोसीकलां के मडोरा स्थित पंचवीर आश्रम से 20 मार्च की रात को गाय और उसकी बछिया चोरी हो गई। सुबह घटना की जानकारी हुई, तो आश्रम के संचालक जगदेव उर्फ काठिया बाबा बेहाल हो गए। बाबा के पास गाय करीब आठ साल से थी। उसकी मां भी बाबा ने पाली। गाय का नाम रखा राधा। इतनी सीधी कि किसी भी समय निकालो दूध देती थी। इसलिए बाबा उसे सुरभि (कामधेनु) गाय कहते थे।

काठिया बाबा ने थाने में तहरीर दी, पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर खोजने का आश्वासन दिया। लेकिन 21 मार्च की सुबह काठिया बाबा आश्रम में भूख हड़ताल पर बैठ गए। एलान किया कि वह अपनी गाय का दूध पीने के बाद ही भूख हड़ताल खत्म करेंगे। शनिवार को 46 वर्षीय काठिया बाबा की हालत बिगड़ गई। सूचना पर कोतवाली पुलिस पहुंची। पुलिस का दावा है कि उसने बाबा को समझाकर भोजन कराया और गाय जल्द ढूंढने का आश्वासन दिया।

रविवार को भी काठिया बाबा की भूख हड़ताल जारी थी। बोेले, पुलिस ने फल खिलाए थे, लेकिन हमने भूख हड़ताल नहीं तोड़ी। आज भी चाय और पानी के सहारे बैठे हैं, जब तक गाय नहीं मिलेगी, तब तक हम भूख हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। दरअसल, ये कान्हा के ब्रज में गायों के प्रति प्रेम का अनुपम उदाहरण है।

बाबा कहते हैं कि राधा 14 लीटर दूध देती थी। सीधी इतनी कि दिन में कितने भी बार दूध निकालो, दूध देती थी। हमारे साथ गांव के लोग भी उसकी सेवा करते थे। गाय चोरी होने से पूरे गांव में आक्रोश है। आश्रम में कभी 15 से 16 गाय थीं, अब तीन हैं, उनमें भी एक चोरी हो गई।

हमने बाबा को समझाकर भोजन कराया, हम गाय खोजने के प्रयास कर रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द ही गाय और उसकी बछिया खोजकर बाबा को सौंप देंगे। संजय त्यागी, इंस्पेक्टर थाना कोसीकलां।

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