सहरसा के कला भवन में गुरुवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के जिला अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्याम कुमार भारती की अगुवाई में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले भर से बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक का मुख्य मुद्दा वर्तमान जिलाध्यक्ष महेन्द्र शर्मा के खिलाफ उठ रही नाराजगी और उन्हें पद से हटाने की मांग रहा। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि महेन्द्र शर्मा के व्यवहार और कार्यशैली ने पार्टी के अंदर का माहौल खराब कर दिया है, जिससे कार्यकर्ता पूरी तरह हताश और निराश महसूस कर रहे हैं।
बैठक में मौजूद कई कार्यकर्ताओं ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रखंड अध्यक्ष बनाए जाने के बदले महेन्द्र शर्मा द्वारा 25,000 रुपये अवैध रूप से मांगे जाते हैं। उन्होंने दावा किया कि जो कार्यकर्ता पैसे देने में सक्षम नहीं होते, उन्हें बिना किसी उचित कारण या अनुशंसा के पद से हटा दिया जाता है। कार्यकर्ताओं ने बताया कि पहले भी 5,000 रुपये दिए जाने का प्रमाण और उससे संबंधित कॉल रिकॉर्डिंग उनके पास उपलब्ध है, जिसे वे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सौंप चुके हैं।
कार्यकर्ताओं ने बताया कि इस संबंध में प्रदेश नेतृत्व और राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को विस्तृत ज्ञापन भेजा गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि यदि ऐसे भ्रष्टाचार और मनमानी को रोका नहीं गया, तो संगठन का आधार कमजोर होगा और कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता रहेगा। कार्यकर्ताओं ने मांग की कि तुरंत कार्रवाई करते हुए महेन्द्र शर्मा को पद से हटाया जाए, ताकि संगठन मजबूत हो सके और जमीनी स्तर पर पार्टी की पकड़ बरकरार रहे।
बैठक में यह भी सामने आया कि महेन्द्र शर्मा को इससे पहले भी पार्टी द्वारा छह साल के लिए निष्कासित किया गया था। कई बार माफी मांगने और सुधार का आश्वासन देने के बाद उन्हें दोबारा जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि दोबारा मौका मिलने के बाद भी वे अपने दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन करने में विफल रहे हैं। साथ ही उन पर एक साथ दो अलग-अलग पार्टियों के पदाधिकारी होने का भी आरोप लगाया गया, जो पार्टी की नीतियों के खिलाफ है।
कार्यकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीर्ष नेतृत्व उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लेता, तो वे पटना में बड़े स्तर पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर क्षेत्र से पहली बार एलजेपी (रामविलास) के विधायक चुने गए हैं। ऐसे में संगठनात्मक मतभेद और आंतरिक कलह पार्टी के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।
बैठक का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि संगठन की एकजुटता और मजबूती ही पार्टी की असली पहचान है, और उसके लिए जरुरी कार्रवाई की मांग जारी रहेगी।
