खबर बिहार के भागलपुर से है, जहाँ जीवन रक्षा को लेकर एक सराहनीय और प्रेरणादायक पहल देखने को मिली। समाज में आपात स्थितियों से निपटने की क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से जीवन जागृति सोसायटी द्वारा लगातार चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों की कड़ी में मध्य विद्यालय खेरहिया में सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के 200 से अधिक छात्र-छात्राओं को जीवन रक्षक सीपीआर का सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम के दौरान जीवन जागृति सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह तथा चिकित्सक डॉ. सतेंद्र कुमार ने बच्चों को सीपीआर की आवश्यकता, महत्व और सही तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अचानक बेहोशी, दिल का दौरा, सड़क दुर्घटना या सांस व धड़कन रुकने जैसी परिस्थितियों में समय पर और सही तरीके से किया गया सीपीआर किसी की जान बचा सकता है। विशेषज्ञों ने समझाया कि घटना के शुरुआती कुछ मिनट बेहद निर्णायक होते हैं और इसी समय में लिया गया सही कदम मृत्यु दर को काफी हद तक कम कर सकता है।
प्रशिक्षण के दौरान बच्चों को डमी मॉडल के माध्यम से सीपीआर की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से सिखाया गया। उन्हें बताया गया कि कैसे मरीज की स्थिति का आकलन करना है, मदद के लिए आवाज लगानी है, एंबुलेंस बुलानी है और सुरक्षित तरीके से सीपीआर शुरू करना है। डॉ. अजय कुमार सिंह ने बच्चों को आपात स्थिति में घबराने के बजाय सतर्कता, साहस और सही निर्णय लेने की सीख दी, ताकि वे संकट की घड़ी में जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभा सकें।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे भविष्य में समाज के लिए मददगार साबित होंगे। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रशासन की ओर से जीवन जागृति सोसायटी, डॉ. अजय कुमार सिंह और उनकी टीम को इस महत्वपूर्ण और जीवन रक्षक प्रशिक्षण के लिए धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया गया।

