भागलपुर बम ब्‍लास्‍ट का खौफनाक मंजर अब भी लोगों के दिलो-दि‍माग घूम रहा है। हादसे को 36 घंटे से अधिक हो गए हैं, लेकिन हालात अब भी सामान्‍य नहीं हो सका है। लेकिन इनसब के बीच एक नाम सबसे ज्‍यादा सुनाई दे रही है। लीलावती। 55 साल की लीलावती करीद दो दशक से बारूद का कारोबार घर पर कर रही थी। इसमें उसकी दो बेटिंया भी साथ देती थी।

 स्‍थानीय लोगों की माने तो काजवली चक में लीलावती बड़े पैमाने पर बारूद का अवैध कारोबार करती थी। उसका सलाना टर्न ओवर लाखों में था। उसकी दो बेटियां पिंकी और आरती इसमें साथ देती थी। इस हादसे में लीलावती का पूरा परिवार काल के गाल में समा गया। साथ ही बड़ी बेटी पिंकी के साथ उसके दो बच्‍चे प्रिंयांशु और आयांश की भी मौत हो गई। 

पति को छोड़कर मां के साथ रहने आ गई थी बेटी 

लीलावती का बारूद के कारोबार को इसी बात से समझा जा सकता है कि उसने अपनी बड़ी बेटी पिंकी को अपने घर बुला लिया। पति ने जब इसका विरोध किया तो उसे भी छोड़ दिया। छोटी बेटी आरती की शादी अभी हाल ही में हुई थी। स्‍थानीय महिला सुशीला देवी ने बताया कि लीलावती के पति की मौत 25 साल पहले हो चुकी थी, तब से वह अपनी दोनों बेटियों के साथ अकेली रहती थी। 

कोयले की आड़ में चल रहा था बारूद का खेल 

दिखाने के लिए तो लीलावती कोयले का कारोबार करती थी। इसी की आड़ में वह बारूद का धंधा चलाती थी। स्‍थानीय लोगों की माने तो लीलावती साल में केवल दो महीने कोयले का कारोबार करती थी, बांकी के 10 महीने बारूद का कारोबार करती थी। लोगों को इसके बारे में पता नहीं चले इसके लिए बाहारी लोगों को अपने धंधे में शामिल नहीं करती थी। वह दोनों बेटियों से ही मदद लेती थी। 

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