नवगछिया में एक बार फिर से कोसी नदी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है। खरीक प्रखंड के मैरचा गांव में भीषण कटाव हो रहा है। यहां दर्जनों मकान कोसी में समा चुके हैं। अब आलम यह है कि जिस बच्चों के लिए मां बाप ने कर्ज लेकर घर बनाया था आज वह बच्चा भी घर तोड़ने को विवश है ताकि ईंट बचा सके। छोटे-छोटे बच्चे भूख से बिलख रहे हैं। लेकिन इनके हालातों की फ़िक्र किसी को भी नहीं है। इस गांव के कई घरों को कोसी नदी ने पिछले वर्ष भी अपने आगोश में समा लिया था।

मगर इस बात से वाकिफ जिला प्रशासन और सरकार ने कटाव रोधी कार्य शुरू नहीं कराया लिहाजा घर के घर कोसी नदी में विलीन हो रहे हैं। किसी ने अपना घर इंदिरा आवास योजना तो किसी ने मजदूरी कर या कर्ज लेकर घर बनाया था। हालात अब ऐसे हैं कि कर्ज भी चुका पाना चुनौती बन गई है। यहां के लोगों पर मानो चारों ओर से आफत आन पड़ी हो। जनप्रतिनिधि भी आकर बस हवा हवाई आश्वासन देकर चले जाते हैं।

कटाव पीड़ितों ने बताया कि पिछले वर्ष भी कई घर कटकर कोसी में चले गए। इस बार भी घर गिर रहे हैं रात में तेजी से कटाव होता है। डर के साये में रात गुजरती है। कर्ज लेकर घर बनाया था। उसे चुकाने पर भी समस्या है। खाने को कुछ भी नहीं मिल रहा है। विधायक आए तो आश्वासन देकर चले गए लेकिन कोई काम शुरू नहीं हो सका।

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