आज नवरात्रि का नौवां दिन है। आज महानवमी के दिन माता के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना में भक्त लीन हैं। खासकर बिहार और झारखंड में नवरात्रि की धूम मची है। 9 दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान में भक्त माता के नौ अलग-अलग स्वरूपों की अराधना कर अपनी भक्ति से माता को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं।
9 दिनों के नवरात्रि का आखिरी दिन है। नवमी तिथि को सिद्धिदात्री माता की विधिवत रूप से पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, मां सिद्धिदात्री ने इस दिन अपनी पूर्ण दिव्य शक्ति प्रकट की थी। इस दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर को हराया था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। महानवमी के दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। इस नवमी पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं। महानवमी पर श्रवण नक्षत्र का संयोग बना हुआ है और इसके साथ ही गजकेसरी योग का निर्माण भी हो रहा है, जो शुभ फलदायी है।
महानवमी पर महिषासुरमर्दिनी और देवी सिद्धिदात्री की विधि-विधान से पूजा करें। माता को फूल अर्पित करें और कुमकुम लगाएं। इसके साथ ही पूजा के दौरान मां को हलवा-पूड़ी का भोग लगाएं। इस दिन दुर्गा चालीस या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इस मंत्र का जाप करें- सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि, सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी। कपूर और लौंग चढ़ाएं और आरती से पूजा का समापन करें।
शुभ मुहूर्त
महानवमी पर पहला मुहूर्त सुबह 6 बजकर 27 से शुरू होकर 7 बजकर 51 तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त सुबह 9 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। वहीं महानवमी पर तीसरा मुहूर्त-दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। यहां तक की 2:55 मिनट से लेकर दोपहर 4:19 तक का भी एक शुभ मुहूर्त है। भक्त इस शुभ मुहूर्त में माता की आराधना करें