बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 को लेकर जिले में मतदाता जागरूकता अभियान के तहत सत्तरकटैया प्रखंड के ग्राम जरसैन स्थित मध्य विद्यालय, गोबरगढ़ा के प्रांगण में आज एक भव्य स्वीप कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं को मतदान के महत्व के प्रति जागरूक करना और शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करना रहा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त **संजय कुमार निराला** ने की। आयोजन में सत्तरकटैया प्रखंड के विभिन्न पंचायतों से आईं **200 से अधिक जीविका दीदियों** ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और लोकतंत्र को सशक्त बनाने का संदेश दिया। दीदियों ने “**पहले मतदान, फिर जलपान**” और “**एक वोट, एक जिम्मेदारी**” जैसे प्रभावशाली नारों के माध्यम से लोगों को मतदान के प्रति प्रेरित किया।
विद्यालय परिसर में आयोजित **हस्ताक्षर अभियान**, **रंगोली प्रतियोगिता** और **मतदाता शपथ ग्रहण समारोह** कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रहे। जीविका दीदियों ने सामूहिक रूप से शपथ ली कि वे स्वयं मतदान करेंगी और अपने-अपने गांवों में दूसरों को भी मतदान के लिए प्रेरित करेंगी।
**डीपीएम जीविका श्लोक कुमार** ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “लोकतंत्र की असली शक्ति मतदाता के हाथ में है। यदि हर पात्र मतदाता मतदान करेगा, तभी लोकतंत्र की सफलता संभव है।” उन्होंने जीविका दीदियों से अपील की कि वे घर-घर जाकर लोगों को मतदान के लिए जागरूक करें, विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करें ताकि मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हो सके।
उप विकास आयुक्त **संजय कुमार निराला** ने अपने संबोधन में कहा कि मतदान केवल अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जीविका की दीदियाँ जिस तरह से जिले में मतदाता जागरूकता की अलख जगा रही हैं, वह अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने विश्वास जताया कि महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से इस बार मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
**डीआरडीए निदेशक** ने भी इस अवसर पर कहा कि स्वीप कार्यक्रम के तहत आयोजित ऐसे आयोजन लोकतंत्र के प्रति आस्था को और मजबूत करते हैं। उन्होंने कहा कि जब समाज के सभी वर्ग एकजुट होकर मतदान का संकल्प लेते हैं, तभी लोकतंत्र की जड़ें और गहरी होती हैं।
कार्यक्रम के अंत में जीविका दीदियों ने **दीप और कैंडल जलाकर** लोकतंत्र के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प लिया। इस मौके पर विद्यालय परिसर उत्साह और देशभक्ति के माहौल से भर गया।
इस अवसर पर स्थानीय ग्रामीणों, जीविका कर्मियों और पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा को और बढ़ा दिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि “इस बार वोट जरूरी है, ताकि देश और राज्य का भविष्य मजबूत बने।”
ऐसे आयोजन न केवल मतदाता जागरूकता को बढ़ाते हैं, बल्कि ग्रामीण समाज में महिलाओं की भूमिका को भी सशक्त बनाते हैं। सत्तरकटैया का यह कार्यक्रम इस बात का उदाहरण बन गया कि जब समाज की आधी आबादी लोकतंत्र के निर्माण में सक्रिय हो, तो बदलाव निश्चित है।
