बिहार के बांका जिले में आठ महीने से एक फर्जी थाना संचालित था। थाने में डीएसपी से लेकर सिपाही तक सभी फर्जी थे। खबर को जिस किसी ने पढ़ा उसका रिएक्शन OMG टाइप रहा। लेकिन ये कोई पहला वाकया नहीं है। यहां तो रातों रात कमाल धमाल हुआ…

बिहार में रातों-रात कमाल-धमाल होता है। ऐसा कमाल कि कौन कब क्या बन जाए, पता ही नहीं चलता। जब जांच होती है, तब लोग हक्के-बक्के रह जाते हैं कि साहब तो फर्जी निकले। बड़ी हनक जमाए हुए थे। वैसे बिहार में इन दिनों बांका जिले में हुए फर्जी डीएसपी, दारोगा और सिपाहियों के साथ-साथ पुलिस स्टेशन का मामला चर्चा में है लेकिन ये कोई अनोखी बात नहीं है। बिहार में लगभग हर महीने, किसी न किसी जिले से फर्जी वर्दीधारी की पकड़ की जाती है। ऐसे मामलों की लिस्ट बहुत लंबी है। लिस्ट में तो सच्चे इमानदार पुलिसकर्मी भी हैं, जिन्होंने रातों-रात अपने घरवालों को भी वर्दी पहना दी। चलिए पढ़ते हैं कुछ अनोखे और दिलचस्प मामले…

मुंगेर से लेकर बेगूसराय तक इस फर्जी दारोगा ने मचाई उथल-पुथल

इसी साल अप्रैल में मुंगेर से एक फर्जी दारोगा की पकड़ की गई। दारोगा जी पांच साल से बिहार पुलिस महकमे को चकमा दे रहे थे। हनक ऐसी थी कि क्या सिपाही और क्या होमगार्ड, सब उसे सलाम ठोंकते रहे। उसके शातिराना दिमाग से हर कोई दंग हो उठा। फर्जी दारोगा का नाम राहुल कुमार है। पांच साल तक राहुल कुमार ने वर्दी पहन अपने गांव में कइयों को ठगा। पत्नी और पिता को गांव में चुनाव लड़वाया। इतना ही नहीं वो पुलिस ट्रेनिंग सेंटर भी जाया करता था। 

खगड़िया के थाने में पहुंचे टू स्टार वर्दी वाले दो फर्जी दारोगा, एसपी के उड़ गए होश

बात इसी साल जनवरी महीने की है, जब खगड़िया जिले में दो शख्स टू स्टार वर्दी से लैस होकर थाने पहुंच गए। एसपी अमितेश कुमार को आशंका हुई और चित्रगुप्तनगर थानाध्यक्ष संजीव कुमार को बुलाया गया। दोनों से थाना में पूछताछ हुई। दोनों ने कहा कि वे लोग पशु क्रूरता निवारण सोसायटी बिहार से दारोगा के पद पर बहाल हैं और आरा व सुपौल में ड्यूटी दे चुके हैं। दोनों कथित दारोगा का कहना था कि उन्हें सोसायटी के सचिव रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने योगदान करवाया है। सोसायटी के चेयरमैन एक एमएलसी हैं। जांच हुई तो दोनों धराए गए।

फर्जी दारोगा विक्रम सहनी की कहानी

फर्जी दारोगा की सहनी की कहानी तो और भी दिलचस्प है। महोदय ने पहले फर्जी नियुक्ति पत्र पर वर्दी पहन ली। इसके बाद वे औरों को भी वर्दी पहनाने लगे। पिछले साल नवंबर में विक्रम सहनी की गिरफ्तारी बिहार के खगड़िया जिले से हुई।

झारखंड के बुजुर्ग दंपति से भागलपुर में लूट कर गया फर्जी दारोगा

इसी साल मई महीने में भागलपुर में एक नकली दारोगा ने झारखंड के दुमका लक्खीकुंड निवासी दिलवर हुसैन को समाहरणालय-कचहरी रोड में रोक कर जबरन पांच हजार रुपये छीन लिए और फरार हो निकला। जोगसर थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनवी को प्रत्यक्षदर्शियों ने घटना की जानकारी दी तो चंद मिनटों में गश्ती दल मौके पर पहुंच गई और पीड़ित दिलवर हुसैन और उनकी पत्नी बीबी अंजू ने घटना की जानकारी दी। प्रत्यक्षदर्शियों में एक ने शातिर की तस्वीर मोबाइल से दिखाई तो पीड़ित ने उसकी पहचान उसी शातिर के रूप में कर ली है, जिसने खुद को दारोगा बता जबरन जेब में रखे पांच हजार रुपये छीन लिए थे। 

अंत में पढ़ें उस महिला अधिकारी के बारे में जिसने पति को बना दिया रातों-रात आईपीएस अधिकारी

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