बिहार के सीतामढ़ी जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। सुरसंड थाना क्षेत्र के करड़वाना पंचायत स्थित पिपराढ़ी गांव में बुधवार की रात उस समय अफरा-तफरी मच गई जब वरमाला के दौरान दूल्हे को मिर्गी का दौरा पड़ गया। दूल्हे की हालत देख दुल्हन ने तत्काल शादी से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर विवाद हुआ। मामला इतना बढ़ गया कि वधु पक्ष ने बारात में आए बारातियों को बंधक बना लिया और गाड़ियों को भी रोक लिया।
घटना की शुरुआत तब हुई जब पुपरी थाना क्षेत्र के सूर्यपट्टी गांव से बारात धूमधाम के साथ पिपराढ़ी गांव पहुंची। वहां बारातियों का जोरदार स्वागत किया गया। कार्यक्रम में बैंड-बाजा और भोज की भी व्यवस्था थी। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जैसे ही वरमाला की रस्म शुरू हुई, दूल्हे को अचानक मिर्गी का दौरा पड़ गया और वह स्टेज पर ही बेहोश होकर गिर पड़ा। यह दृश्य देखकर दुल्हन समेत सभी लोग स्तब्ध रह गए।
करीब आधे घंटे बाद जब दूल्हे को होश आया, तब तक दुल्हन ने शादी करने से साफ इनकार कर दिया। दुल्हन के परिवार ने आरोप लगाया कि वर पक्ष ने दूल्हे की बीमारी की सच्चाई छिपाई थी। इससे नाराज़ होकर उन्होंने शादी में किए गए खर्च की भरपाई की मांग की। वधु पक्ष ने दावा किया कि तिलक में 6 लाख रुपये नकद सहित कुल 9 लाख रुपये खर्च किए गए हैं, जिसकी उन्हें वापसी चाहिए।
इसके बाद मामला और बिगड़ गया। वधु पक्ष ने दूल्हा सहित पूरे बारातियों को बंधक बना लिया और स्कॉर्पियो, कार तथा पिकअप गाड़ी को गांव में रोक लिया। काफी समझाइश के बावजूद लड़की के परिवार वाले अपने फैसले पर अड़े रहे।
अगले दिन गांव में पंचायत बुलाई गई, जिसमें जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में समझौता हुआ। पंचायत ने तय किया कि वर पक्ष 5 लाख 65 हजार रुपये वापस करेगा। हालांकि तत्काल पैसे नहीं होने के कारण वर पक्ष ने बांड पेपर पर लिखकर राशि देने की सहमति दी। इसके बाद बारातियों को जाने दिया गया, लेकिन जब तक राशि नहीं मिलती, वधु पक्ष ने गाड़ियों को बंधक बनाए रखने की बात कही।
दुल्हन के भाई ने कहा कि लड़के वालों ने मिर्गी की बीमारी की बात जानबूझकर छिपाई, जिससे उन्हें मानसिक और आर्थिक नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि 1 मई को मजदूर दिवस के कारण बैंक बंद थे, इसलिए राशि 2 मई को देने की बात वर पक्ष ने कही है। राशि मिलने के बाद ही सभी गाड़ियाँ छोड़ी जाएंगी।
यह घटना न केवल शादी में पारदर्शिता की अहमियत को उजागर करती है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक जिम्मेदारियों के प्रति भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
