खबर बिहार के सहरसा से है, जहां एक तरफ जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर जैसे भारी यंत्रों की व्यवस्था की गई है, वहीं दूसरी ओर नगर प्रशासन की नाक के नीचे अतिक्रमण का खेल खुलेआम फल-फूल रहा है। खासकर अस्पताल रोड से लेकर वीर कुमार सिंह चौक तक अतिक्रमण की स्थिति जस की तस बनी हुई है, लेकिन इस पर नगर प्रशासन की चुप्पी कई गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

 

स्थानीय लोगों के अनुसार इन दिनों नगर निगम क्षेत्र में अतिक्रमण का एक नया तरीका सामने आया है, जिसे लोग “देर रात मिट्टी गिराओ, सुबह जमीन पाओ” कह रहे हैं। आरोप है कि देर रात भारी वाहनों के जरिए सार्वजनिक या खाली जमीन पर मिट्टी गिरा दी जाती है और सुबह होते-होते उस जमीन पर कब्जा या खरीद-बिक्री की तैयारी शुरू हो जाती है।

 

गुरुवार देर शाम कबीर चौक के पास अचानक एक हाईवा वाहन से कई स्थानों पर मिट्टी गिराई गई। जब आसपास के लोगों ने इसका विरोध किया और कारण पूछा तो संबंधित लोगों ने यह कहकर टाल दिया कि यह काम विभागीय निर्देश पर किया जा रहा है। हालांकि किस विभाग के आदेश पर यह कार्य हुआ, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।

 

वहीं अस्पताल चौक के आसपास रहने वाले स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इस तरह की गतिविधियां अक्सर देर रात जानबूझकर की जाती हैं, ताकि किसी का विरोध न हो सके। लोगों का कहना है कि रात में मिट्टी गिराकर सुबह उस जमीन पर या तो कब्जा जमा लिया जाता है या फिर उसे बेचने की तैयारी कर ली जाती है। इस पूरे खेल में भू-माफियाओं की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।

 

स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि कई बार नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों को इस अवैध अतिक्रमण की जानकारी देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। न तो मिट्टी हटाई जाती है और न ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होती है, जिससे अतिक्रमण करने वालों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

 

सवाल यह उठता है कि जब प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए संसाधन और मशीनें उपलब्ध करा रहा है, तो फिर ऐसे अवैध कब्जों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। अब शहरवासी मांग कर रहे हैं कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और “देर रात मिट्टी गिराओ, सुबह जमीन पाओ” जैसे अवैध खेल पर तत्काल रोक लगाई जाए, ताकि सार्वजनिक जमीन को अतिक्रमण से बचाया जा सके।

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