गर्मी की आहट के साथ ही जिले में जलसंकट भी शुरू हाे गया है। बरारी वाटर वर्क्स से पानी आपूर्ति में लगातार व्यवधान हाे रहा है। गंगा का जलस्तर कम हाेने व पानी के साथ गाद आने से माेटर हांफ कर जल रहे हैं। दूसरी शहर के चापाकल की स्थिति भी ठीक नहीं है। सड़क किनारे लगे ज्यादातर चापाकल खराब हैं। कुछ ठीक हैं, लेकिन इससे चुल्लूभर पानी के लिए चापाकल चलाने में ही दम फूल रहा है। तिलकामांझी से स्टेशन तक सड़क किनारे 22 चापाकल हैं। इनमें 17 खराब हैं।

प्याऊ की हालत भी वही है। कहीं चालू नहीं है तो कहीं नल से टाेटी गायब है। कहीं ऐसी गंदगी फैली है कि वहां से पानी लेने लायक स्थिति नहीं है। इसके बाद भी नगर निगम और पीएचईडी ने मुकम्मल तैयारी नहीं की है। तिलकामांझी चौक पर एक चापाकल और एक प्याऊ है। इसमें चापाकल और प्याऊ लंबे समय से बंद हैं। प्याऊ के 2 नल टूटे हैं। मेडिकल कॉलेज के पास सैंडिस कंपाउंड मेन गेट के पास एक चापाकल है। इसका निचला हिस्सा मिट्टी से ढक गया है। आदमपुर चौक पर मंदिर के पीछे एक प्याऊ चालू है। मानिक सरकार चौक के पास का चापाकल जमीन में धंस गया है।

दीपनगर चौक के पास के प्याऊ में 4 नल हैं, इसमें एक ही चल रहा है। कोतवाली चौक से नया बाजार रोड पर तीन चापाकल में तीनों बंद हैं। एक चापाकल का ऊपरी हिस्सा टूटा है। कोतवाली थाना गेट के पास एक प्याऊ और एक चापाकल है, पर दोनों बंद हैं। प्याऊ का मोटर खराब है। घंटाघर चौक के पास साईं मंदिर के पास एक चापाकल है। यह भी खराब है। सैंडिस के मेन गेट के पास लगा एक चापाकल भी खराब है।

यहां चापाकल की ऐसी है स्थिति

  1. तिलकामांझी-घूरनपीर बाबा चाैक, आदमपुर, मानिक सरकार, नया बाजार, कोतवाली चौक, घंटाघर हाेते हुए कचहरी चौक तक 17 चापाकल हैं। इनमें 14 खराब हैं। 3 प्याऊ में एक ही चालू है।
  2. कचहरी चौक से भीखनपुर, डिक्शन मोड़, कोयला डिपो होते हुए स्टेशन चौक तक 5 चापाकल हैं। इसमें तीन बंद और दो चालू हैं। दोनों चापाकल से बूंद-बूंद ही पानी निकलता है। एक प्याऊ में 4 नल हैं। इसमें भी दो ही चालू हैं।

चापाकल दुरुस्त करने को टीम तैयार
चापाकल दुरुस्त करने के लिए टीम बनाई है। इन टीमाें काे एक मार्च काे डीएम हरी झंडी दिखाकर शहर व जिले के प्रखंडाें के लिए रवाना करेंगे। टीम खराब चापाकल काे दुरुस्त करेगी।

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