नवगछिया : नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत परवत्ता थाना क्षेत्र के जगतपुर गांव में जमीन विवाद को लेकर जातिसूचक गाली-गलौज व मारपीट की घटना सामने आई है। इस मामले में पीड़िता अनीता देवी, पति भोला दास, निवासी जगतपुर ने नवगछिया एससी/एसटी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है। पीड़िता का आरोप है कि जमीन को लेकर हुए विवाद में गांव के ही कुछ लोगों ने न सिर्फ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया, बल्कि मारपीट कर घायल भी कर दिया।
पीड़िता ने अपने आवेदन में बताया कि उसकी निजी भूमि जगतपुर मौजा में एक कट्ठा की है, जो वर्षों से उनके स्वामित्व में है। उसी जमीन के समीप जपतेली गांव निवासी करकून राय और दिलचंद राय की जमीन और घर स्थित है। कुछ दिनों से करकून राय और दिलचंद राय उनके जमीन पर जबरन निर्माण कार्य कर रहे थे। जब पीड़िता ने आपत्ति जताई और कहा कि पहले भूमि की नापी (सीमांकन) करवा लें, उसके बाद निर्माण करें, तो आरोपित बिफर गए।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि उन्होंने बातों को नजरअंदाज करते हुए जातिसूचक गालियां दीं और अचानक हमला बोल दिया। मारपीट के दौरान पीड़िता को गंभीर चोटें आईं। घटना के बाद ग्रामीणों के सहयोग से अनीता देवी को इलाज के लिए नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत स्थिर बताई गई है।
इस मामले को लेकर पीड़िता ने नवगछिया एससी/एसटी थाने में एक लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने पुलिस से आरोपियों पर एससी/एसटी एक्ट समेत अन्य संगीन धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं, पुलिस ने आवेदन प्राप्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थल निरीक्षण किया जाएगा और दोनों पक्षों से पूछताछ कर साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों का कहना है कि जमीन विवाद का यह मामला काफी पुराना है, लेकिन हाल के दिनों में यह विवाद अचानक बढ़ गया है। पीड़िता का परिवार अनुसूचित जाति से आता है और पहले भी उन्हें सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा है। गांव के कुछ लोगों ने इस घटना की निंदा करते हुए प्रशासन से पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है।
उधर, आरोपियों की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। पुलिस का कहना है कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो आरोपियों की गिरफ्तारी तय है। जमीन विवाद के समाधान के लिए राजस्व विभाग से भी संपर्क किया जाएगा ताकि भूमि की स्थिति स्पष्ट की जा सके।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि गांवों में जातिगत भेदभाव और भूमि विवाद आज भी किस कदर लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर स्थानीय लोग भी प्रशासन से कठोर कदम उठाने की अपील कर रहे हैं।
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