पुलिस जिला नवगछिया के परबत्ता थाना क्षेत्र अंतर्गत जगतपुर गांव से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पैतृक जमीन के बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया। इस पारिवारिक विवाद में छोटे भाई सुनील यादव ने अपने सगे बड़े भाई अनिल यादव पर लाठी-डंडे से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना रविवार की दोपहर की है, जब दोनों भाइयों के बीच पुराना विवाद एक बार फिर से उभर आया और इस बार बात इतनी बढ़ गई कि मामला मारपीट तक पहुंच गया।
घायल अनिल यादव, पिता स्वर्गीय मैनेजर यादव, जगतपुर गांव के निवासी हैं। बताया जा रहा है कि अनिल यादव और उनके छोटे भाई सुनील यादव के बीच पिछले कई महीनों से पैतृक जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। कई बार पंचायत स्तर पर और परिवार के बीच बैठकों के माध्यम से विवाद सुलझाने की कोशिश की गई, लेकिन हर बार बात बिगड़ जाती थी।
रविवार को जब एक बार फिर इस मुद्दे पर बातचीत शुरू हुई, तो अचानक सुनील यादव ने आपा खोते हुए अपने बड़े भाई पर लाठी-डंडे से हमला कर दिया। अनिल यादव पर इस हमले के दौरान उनके बेटे ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन वह भी इस झड़प में घायल हो गया।
घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत घायल अनिल यादव और उनके बेटे को नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां दोनों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, अनिल यादव के सिर में गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें खून की आवश्यकता है। वहीं, उनके बेटे को भी शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें लगी हैं, हालांकि उसकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
इस हमले के बाद अनिल यादव ने परबत्ता थाना में अपने छोटे भाई सुनील यादव के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उनके पिता का देहांत हो चुका है और वे तीन भाई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार जमीन का आपसी समझौते से बंटवारा करने की कोशिश की गई, लेकिन सुनील यादव हर बार नया विवाद खड़ा कर देता था। अनिल यादव ने कहा कि आज की घटना ने सारे पारिवारिक रिश्तों को खत्म कर दिया है।
वहीं घटना के बाद से आरोपी सुनील यादव फरार है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी गई है। परबत्ता थाना प्रभारी ने बताया कि मामला गंभीर है और कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस हिंसक घटना से गांव में तनाव का माहौल है। लोग रिश्तों की इस भयावह परिणति को लेकर स्तब्ध हैं। एक ओर पारिवारिक संबंधों की मर्यादा तार-तार हो रही है, वहीं दूसरी ओर कानून व्यवस्था के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। ग्रामीणों की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि कानून कितनी तेजी से दोषी को सजा दिला पाता है।
