भागलपुर जिले के बिहपुर अनुमंडल अंतर्गत सोनवर्षा पंचायत के नरकटिया बांध को लेकर इन दिनों भारी चिंता जताई जा रही है। बांध की जर्जर स्थिति और प्रशासन की लापरवाही को लेकर सोनवर्षा पंचायत के मुखिया पति अजय कुमार उर्फ लाली मुखिया का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर जल्द ही इस बांध की मरम्मति नहीं की गई और बाढ़ निरोधक उपाय नहीं किए गए, तो वे खुद को गंगा में समर्पित कर देंगे। उनका यह बयान अब चर्चा का विषय बन गया है और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।
लाली मुखिया ने बताया कि नरकटिया बांध की मरम्मति इस वर्ष बिल्कुल नहीं की गई है। पिछले साल जब यह बांध ध्वस्त होने के कगार पर था, तब स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों के प्रयास से किसी तरह इसे बचाया गया था। लेकिन इस बार स्थिति और भी गंभीर है। साढ़े दस किलोमीटर लंबे इस बांध में करीब 900 मीटर हिस्सा बुरी तरह जर्जर हो चुका है। अगर गंगा का जल स्तर बढ़ा, तो इस हिस्से को बचाना लगभग असंभव हो जाएगा।
मुखिया ने कहा कि अगर प्रशासन ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाया, तो परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अब अगर कोई पदाधिकारी यहां आए और समस्या को नजरअंदाज करे, तो मैं खुद को गंगा में समर्पित कर दूंगा। यह सिर्फ धमकी नहीं, चेतावनी है। गांव के लोगों का अस्तित्व दांव पर है और अब चुप नहीं बैठा जा सकता।”
गौरतलब है कि सोनवर्षा, नरकटिया समेत एक दर्जन से अधिक गांवों की सुरक्षा इसी बांध पर निर्भर करती है। हर साल मानसून के दौरान गंगा का जलस्तर बढ़ने से इन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराता है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से बांध की देखरेख में लगातार लापरवाही बरती जा रही है। इस बार यदि बांध टूटा, तो गांवों में भारी तबाही हो सकती है।
लाली मुखिया की यह खुली चेतावनी प्रशासन के लिए एक बड़ा अलार्म है। स्थानीय लोगों ने भी मुखिया की बातों का समर्थन करते हुए प्रशासन से जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस चेतावनी को कितना गंभीरता से लेता है और समय रहते आवश्यक कदम उठाता है या नहीं।
इस बयान के बाद क्षेत्र में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है और लोगों की नजर अब प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हुई है।
