अगर आप किसी एक्सप्रेसवे पर सफर कर रहे हैं तो आपको गाड़ी के सभी जरूरी कागजात अपडेट रखने होंगे। गाड़ी के इंश्योरेंस से लेकर प्रदूषण प्रमाण पत्र वैध होना चाहिए। व्यावसायिक वाहन है तो उसका फिटनेस प्रमाणपत्र भी होना जरूरी होगा। दरअसल, अब एक्सप्रेसवे पर चलने वाले हर वाहन की स्थिति का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। गाड़ी के एक्सप्रेसवे पर चढ़ते ही चंद मिनटों में ट्रैफिक पुलिस को पता लग जाएगा कि आपके वाहन से जुड़ी क्या चीज वैध नहीं है। उसके बाद स्वयं ही आपका चालान कट जाएगा, वो भी आपकी गाड़ी को बिना रोके। जल्द ही कुछ इस तरह के नियम बनने जा रहे हैं, जिन्हें लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया कुछ एक्सप्रेसवे पर ट्रायल कर रही है।
देश के सभी एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) से लैस होने जा रहे हैं। इस सिस्टम के जरिए चलती गाड़ी की नंबर प्लेट से लेकर गाड़ी के अंदर बैठे व्यक्ति ने सीट बेल्ट लगाई है या नहीं। इसका भी पता लगाया जा सकता है वो भी फोटो और वीडियो के साथ। अब इस सिस्टम से परिवहन विभाग में दर्ज वाहनों के रिकॉर्ड को भी लिंक किया जा रहा है।
इसके जरिए चलती हुई गाड़ी के नंबर के माध्यम आसानी से पता किया जा सकेगा कि गाड़ी का इंश्योरेंस, उसकी उम्र, प्रदूषण प्रमाण पत्र, सीएनजी किट टेस्टिंग सर्टिफिकेट वैध है या नहीं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे व देश के अन्य एक्सप्रेसवे पर इस सिस्टम का ट्रायल किया जा रहा है। एनएचएआई के अधिकारी बताते हैं कि यह सिस्टम अपने आप में काफी एडवांस होगा। क्योंकि एक तरह से यह सिस्टम उन गाड़ियों को चिन्हित करेगा जिनके कागजात वैध नहीं होंगे। इसका डाटा स्थानीय स्तर पर ट्रैफिक पुलिस के पास जाएगा जो चालान कटने के बाद उसकी वसूली की मॉनिटरिंग भी करेगी।
गाड़ी को रोककर जांच करने के सीमित अधिकार
अभी तक ट्रैफिक पुलिस नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे के किनारे वाहनों को रोककर कागजों की जांच करती है, लेकिन एटीएमएस का ट्रायल सफल होने के बाद मंत्रालय नियमों में बदलाव करेगा। उसके बाद ट्रैफिक पुलिस के पास चलती गाड़ी को रोककर जांच करने के सीमित अधिकार होंगे। एनएचएआई के एक अधिकारी बताते हैं कि नियमों में बदलाव आम लोगों के हित में होंगे क्योंकि ट्रैफिक पुलिस एक्सप्रेसवे पर उन्हीं वाहनों को रोक सकेगी, जिन्होंने कोई एक्सीडेंट किया हो या फिर किसी आपराधिक घटना आदि को अंजाम दिया है। बाकी एक्सप्रेसवे व एनएच पर चलते वाहनों को रोककर कागजों की जांच नहीं हो सकेगी। इससे सड़क हादसों व जाम की स्थिति से निजात मिलेगी। क्योंकि कई बार जांच के वक्त जाम लग जाता है तो वहीं पुलिस जांच से बचने के लिए कुछ वाहन चालक कई दफा गाड़ी तेजी से चलाकर निकलना चाहते हैं, जिससे हादसे का खतरा रहता है।
सभी एक्सप्रेसवे पर एटीएमएस अनिवार्य, एनएच पर लगाया जा रहा अलग से
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने देश में बन रहे सभी नए एक्सप्रेसवे पर एटीएमएस को अनिवार्य किया है जो टेंडर की शर्तों का ही हिस्सा है। नए नेशनल हाईवे के लिए भी इसे अनिवार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही पुराने नेशनल हाईवे पर भी इस सिस्टम को लगाने का काम चल रहा है। दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे-19 पर एटीएमएस लगाने की प्रक्रिया चल रही है। जबकि बाकी नेशनल हाईवे पर भी इस सिस्टम को लगाया जाना है।
यूं लिया एटीएमएस का इस्तेमाल बढ़ाने का फैसला
शुरुआत में एटीएमएस का इस्तेमाल एक्सप्रेसवे व नेशनल हाईवे पर वाहनों से दूरी के हिसाब से फास्टैक के जरिए टोल दर (शुल्क) काटे को लेकर किए जाने की योजना थी लेकिन बीते दिनों एनएचएआई, सड़क परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें एक्सप्रेसवे पर लगने वाले कैमरों, नंबर प्लेट रीडर की खूबियों पर चर्चा हुई, जिसमें तकनीकी विशेषज्ञों ने सलाह दी कि इससे भविष्य में वाहन का डाटा भी लिंक किया जा सकता है। इससे चलती गाड़ी की पूरी स्थिति का पता लगा जा सकता है। इसके बाद ही परिवहन विभाग के डाटा से लिंक करने का काम आगे बढ़ाया गया है। और इसे सफर को सुरक्षित बनाने की दिशा में अहम भी माना जा रहा है। अब योजना पर अमल ट्रायल के नतीजों के बाद शुरू हो जाएगा।